रैनसम वेयर वायरस के नाम पर ठगने वाले 12 लोग गिरफ्तार, यूएस-कनाडा के लोगों को बनाते थे शिकार
दिल्ली पुलिस ने यूएस और कनाडा के लोगों को रैनसम वेयर वायरस के नाम पर ठगने वाले 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 19 कंप्यूटर बरामद किए हैं.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, आरोपी यूएस और कनाडा के लोगों को रैनसम वेयर वायरस का डर दिखा कर ठग रहे थे. उनसे डॉलर के हिसाब से मोटी रकम वसूल रहे थे.
सबसे अहम बात ये है कि ये लोग यूएस और कनाडा के नागरिकों के कंप्यूटर के माध्यम से एक पॉप-अप लिंक भेज कर दहशत भर देते कि उनके कंप्यूटर में रैनसमवेयर जैसा कोई वायरस आ गया है. घबराहट में जब लोग उसका निदान पूछते तो उसी पॉप-अप लिंक के माध्यम से एक टोल फ्री नंबर दिया जाता, जो इस कॉल सेंटर का होता और फिर जैसे ही कॉलर इनके पास कॉल करता. ये लोग उससे अच्छी खासी रकम ठग लेते थे.
पुलिस का कहना है कि इस मामले में यूएस और कनाडा में भी इन ठगों के साथी जरूर है, जो वहां बैठकर रकम को कैश करवाते और फिर हवाला के माध्यम से भारत में पैसा इन्हें पहुंचा देते हैं. गिरफ्तार आरोपियों के नाम मनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, नितिन चौधरी, जोबिन, हनुमंतु, मोहित गुप्ता, नीतीश कुमार, सुभोदीप, मौमिता, दीक्षा, शबाना और सतीक चक्रवर्ती हैं.
क्या है मामला
द्वारका जिले के डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि जिले के साइबर सेल को सूचना मिली थी कि कुछ लोग पालम एक्सटेंशन में कॉल सेंटर की आड़ में विदेशी नागरिकों को ठगने का धंधा चला रहे हैं. वे लोग कॉल सेंटर में बैठकर ठग खुद को एक बड़ी ई कॉमर्स कंपनी के आधिकारिक तकनीकी सहायता अफसर बताते हैं और मदद करने के नाम पर अमेरिका और कनाडा में रहने वाले लोगों से रकम ठगते हैं.
सूचना के आधार पर साइबर सेल की पुलिस टीम ने बताये गये पते पर छापा मारा. जहां कई लोग काम कर रहे थे. पुलिस टीम ने पाया कि 12 लोग कालिंग के दौरान खुद को कंपनी का कर्मचारी बता रहे हैं.
पॉप-अप लिंक भेज कर करते थे ठगी
डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि ये लोग यूएस और कनाडा के नागरिकों के लैपटॉप/कंप्यूटर की स्क्रीन पर पॉप-अप लिंक भेजते थे. उस लिंक में वार्निंग होती कि आपके कंप्यूटर में रैनसम वायरस जैसा वायरस आ गया, जिससे आपका कंप्यूटर हैक हो गया है. डर की वजह से लोग उसका निवारण जानने के लिए उस लिंक पर क्लिक करते तो उन्हें एक टॉल-फ्री नम्बर नज़र आता. जैसे ही उसे डायल किया जाता, कॉल इस सेंटर में आती और फिर ये ठग अपना काम शुरू कर देते.
गिफ्ट कार्ड के रूप में ली जाती पेमेंट
पुलिस का कहना है कि विदेशी लोगों से गिफ्ट कार्ड के माध्यम से पेमेंट करने को कहा जाता. वहां कोई ऐसा व्यक्ति इनसे मिला हुआ है, जो इनके लिए बैंक एकाउंट ऑपरेट करता है. वह व्यक्ति गिफ्ट कार्ड को कैश करवा कर हवाला के माध्यम से रकम इन तक पहुंचवाता है.
19 कंप्यूटर, 2 इंटरनेट राउटर बरामद
पुलिस का कहना है कि ये लोग वीओआईपी तकनीक से कालिंग करते थे ताकि कॉल इंडियन कालिंग गेटवे से होती हुई न जाये. इनके पास से 19 कंप्यूटर, 2 इंटरनेट राउटर, 13 मोबाइल फोन, 1 स्विच, चीटिंग स्क्रिप्ट और डाटा आदि बरामद किया गया है.
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