नई दिल्लीः सेंट्रल दिल्ली के करोलबाग स्थित एक होटल में मंगलवार सुबह भीषण आग लगने से एक बच्चे सहित कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई. इनमें दो वे लोग भी शामिल हैं जो जान बचाने के लिए इमारत से कूद गए थे. हादसे में अन्य 35 लोग घायल भी हुए हैं. आग तड़के साढ़े तीन बजे करोलबाग में गुरुद्वारा रोड स्थित होटल अर्पित पैलेस की दूसरी मंजिल पर लगी. होटल में कई लोग उस समय सोए हुए थे जिस कारण वे फंस गए. अधिकारियों ने बताया कि 45 कमरों के होटल में हादसे के समय 53 लोग थे.


दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग लगने की सूचना सुबह चार बजकर 35 मिनट पर मिली और तुरंत दमकल विभाग की 24 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं. पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) मधुर वर्मा ने बताया कि कम से कम 35 लोग जख्मी हुए हैं. वहीं एक व्यक्ति अब भी लापता है.


उन्होंने बताया कि 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) ले जाया गया है, दो शवों को लेडी हार्डिंग अस्पताल और एक शव को बीएलके अस्पताल ले जाया गया. 13 शवों में से पांच की पहचान हो गई है, जिनमें से तीन केरल और दो म्यामां के निवासी हैं.


उन्होंने बताया, ''43 वर्षीय एक महिला 45 फीसदी झुलस गई है.'' वहीं उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी को शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का संदेह है. दिल्ली सरकार ने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दे दिए हैं.


दिल्ली सरकार में गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि उन्होंने दमकल विभाग से पांच या उससे अधिक मंजिला इमारतों का निरीक्षण करने और एक सप्ताह के अंदर उनके अग्नि सुरक्षा पर एक रिपोर्ट देने को कहा है.


उन्होंने कहा, ''हमने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. 17 लोगों की जान चली गई है, जिनमें से अधिकतर लोगों की दम घुटने से मौत हुई है. दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी.''


प्रधानमंत्री ने भी हादसे में लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया है. मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ''दिल्ली के करोलबाग में आग लगने के कारण लोगों की मौत से काफी दुखी हूं. मारे गए लोगों के परिजन के प्रति मेरी संवेदनाएं.''


दमकल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि होटल की छत पर एक छतरी सी लगी थी जिससे पता चालता है कि वहां रेस्तरां चलाया जाता था. कमरों में लकड़ी के पैनल लगे होने के कारण भी शायद आग जल्दी से फैल गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करोलबाग के एक होटल में आग लगने की घटना में मरने वाले लोगों के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया.


दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में आप सरकार के चार साल पूरे होने पर आयोजित किए जा रहे एक समारोह को रद्द करने का आदेश भी दिया है. गाजियाबाद में एक शादी में शिरकत करने के लिए अपने परिवार के साथ केरल से दिल्ली आए सोमशेखर ने कहा कि यह एक ना खत्म होने वाला बुरा सपना था. जब आग लगी तो वे सभी होटल से हरिद्वार जाने की तैयारी कर रहे थे.


सोमशेखर ने कहा, ''हममें से 10 को पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने बचा लिया. हमने होटल में चार कमरे बुक किए थे. हम सुबह हरिद्वार जाने के लिए तैयार थे जब अचानक बिजली चली गई. उनके जनरेटर चलाते ही वहां धुआं और बदबू थी.''


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उन्होंने बताया कि उनकी बहन जो अभी लापता है उसने ही उन्हें धुएं के बारे में बताया और क्या हुआ है यह देखने बाहर गई. उन्होंने कहा, ''हर जगह धुआं-धुआं था. उस समय मेरी बहन मां और भाई के साथ थी. मैं तुरंत कमरे में आया और ताजा हवा के लिए कमरा खोला और हम वहां से निकले. हम होटल की दूसरी मंजिल पर थे.''


एनडीएमसी ने कहा कि होटल की इमारत में सबसे पहले दूसरी मंजिल पर आग लगी. इस होटल को अक्टूबर 2005 में लाइसेंस दिया गया और हर साल इसका नवीनीकरण हो रहा था. पिछली बार लाइसेंस का नवीनीकरण 25 मई 2018 को किया गया था जो इस साल 31 मार्च तक मान्य है.


अधिकारी ने कहा, ''मौके से मिली जानकारी के अनुसार होटल की दूसरी मंजिल पर 12 फरवरी को तड़के साढ़े तीन बजे आग लगी.'' दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ इस्तेमाल किए आग बुझाने के यंत्र मिले हैं, जिससे पता चलता है कि अंदर फंसे लोगों ने आग बुझाकर वहां से निकलने की कोशिश की होगी.


दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, ''मैं करोलबाग के अर्पित होटल में आग लगने से हुई कई लोगों की मौत पर दुख प्रकट करती हूं. हमारे बहादुर दमकलकर्मी मुश्किल परिस्थितियों में भी वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं.''


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