नई दिल्ली: दिल्ली के एक 17 साल के जेईई कैंडिडेट ने रविवार को देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें छात्र ने कोविड-19 और बाढ़ के मद्देनजर नीट और जेईई परीक्षा स्थगित करने के निर्देश देने की अपील की है.


गौरतलब है कि जेईई परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी, वहीं नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी. सरकार के इस फैसला का विपक्षी दलों की तऱफ से विरोध हुआ है.






बता दें कि 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए होने वाली इन परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश देने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा था, “छात्रों का एक कीमती साल यूं ही बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता है.” इसके बाद छह गैर बीजेपी शासित राज्यों के मंत्रियों ने याचिका दाखिल कर कोर्ट से 17 अगस्त के उस फैसले पर दोबारा विचार की मांग की.


नीट और जेईई परीक्षा को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर है. विपक्षी दलों के कई नेताओं का कहना है कि ऐसा कर सरकार छात्रों की जान को जोखिम में डाल रही है. कोरोना और बाढ़ की स्थिति को लेकर केंद्र से ये लगातार ये मांग की गई कि परीक्षा की तारीख की समीक्षा की जाए और इसे टाल दिया जाए.


राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं ने सरकार के फैसले का विऱोध किया. रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ''जेईई-एनईईटी के छात्र चाहते थे कि पीएम परीक्षा पर चर्चा करें, लेकिन पीएम ने खिलौने पर चर्चा की.'' उनका निशाना पीएम नरेंद्र मोदी के रविवार की ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर था.


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