नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते अस्थि विसर्जन करने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों में जितने भी लोगों की मौत हुई है उनका अंतिम संस्कार तो परिवार के लोगों ने कर दिया है लेकिन वे उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं और उसकी सबसे बड़ी वजह है लॉकडाउन, लॉकडाउन के चलते लोग शमशान घाट में अस्थियां लेने ही नहीं आ रहे हैं.


राजधानी दिल्ली के निगमबोध घाट में करीब 250 अस्थियां विसर्जन का इंतज़ार कर रही है. लेकिन परिवार के लोग अपने अस्थिकलश लेने नहीं आ रहे है. निगमबोध घाट में एक कमरा है जिसमें करीब 250 लॉकर हैं उनमें उन सभी लोगों की अस्थियां है जिनकी हाल ही में मृत्यु हुई है. सभी लॉकर भर चुके हैं. यहां काम करने वाले अवधेश की मानें तो अगर ऐसा ही चलता रहा तो अब अस्थियों को कही और रखना पड़ेगा क्योंकि लॉकर रूम तो पूरा भर गया है.

अवधेश ने कहा कि लॉकडाउन से पहले करीब 50 से 60 लोगों का अन्तिम संस्कार किया जाता था, हालांकि अब ये आंकड़ा सिर्फ 20 से 25 का ही रह गया है. अवधेश के मुताबिक दिल्ली के अधिकतर लोग अस्थियां प्रवाह करने के लिए या तो गढ़ गंगा जाते हैं या हरिद्वार जाते हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते लोग अस्थियां लेने नहीं आ रहे हैं.


हिंदू परंपराओं के मुताबिक अंतिम संस्कार के बाद तीसरे दिन मरने वाले की आत्मा की शांति के लिए उसकी अस्थियों को प्रवाहित किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के चलते ये धार्मिक क्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.


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