नई दिल्ली: दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल के 6 डॉक्टर और 4 नर्सों को क्वॉरन्टीन कर दिया गया है. बताया जा रहा की सभी एक कोरोना संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आ गए थे. दरअसल मरीज को रेस्पिरेटरी तकलीफ थी वहीं उसका जब पहला कोरोना टेस्ट किया था तो वो नेगेटिव आया जबकि बाद में वो रिपोर्ट पॉजिटिव आई.


दरअसल गुरुवार को एक मरीज को राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया मरीज को शुरुआत में सांस लेने में दिक्कत थी. जिसे बाद में डॉक्टरों ने सीरियस एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस पाया. डॉक्टरों ने जिसके बाद इनका सरकार के नियम के मुताबिक कोविड-19 टेस्ट करने और उसी तरह इलाज कराने की फैसला किया. जिसके बाद मरीज को कोविड-19 वार्ड में शिफ्ट किया गए और उसके सैंपल लिए गए. लेकिन इस दौरान मरीज का पहला सैंपल नेगेटिव आया. जिसके बाद उसे नॉर्मल वार्ड में भर्ती किया गया. वहीं जब उस मरीज की दूसरी यानी कन्फर्मेटरी रिपोर्ट में पॉजिटिव आयि. जिसके बाद मरीज के इलाज में लगे 6 डॉक्टरों और 4 नर्सो को क्वारेंटाइन में भेज दिया गया है. अस्पताल के मुताबिक ऐसा स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत किया गया.

इमरजेंसी ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट नहीं पहना था
वहीं आरडीए के कुछ डॉक्टरों से बात करने पर पता चला की इमरजेंसी ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट नहीं पहना था. इसलिए वो सीधे उस संक्रमित पेशंट से एक्सपोज हो गए. वहीं डॉक्टरों का कहना है की इस समय कौन सा मरीज संक्रमित है और कौन नहीं ये बता पाना मुश्किल है. ऐसे में हर एक के इलाज में पीपीई की जरूरत है. लेकिन कमी के चलते सिर्फ कोरोनावायरस में काम कर रहे डॉक्टरों को ही पीपीई दिया जा रहा है.


अस्पताल ने आरएमएल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के साथ की बैठक
हाल ही में आए भारत सरकार के नियमों के मुताबिक इन पेशेंट्स का भी कोविड-19 टेस्ट होना चाहिए. वहीं इनके ट्रीटमेंट में भी उसी तरह की सावधानी बरती जानी चाहिए. वहीं जानकारी के मुताबिक ये डॉक्टर इसलिए सम्पर्क आए क्योंकि इन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए जो मेडिकल सूट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट नहीं पहना हुआ था. जिसकी वजह से वो सम्पर्क आए. फिलहाल इस घटना के बाद अस्पताल ने आरएमएल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के साथ बैठक की है.


फिलहाल राहत की बात है की अभी तक किसी मेडिकल स्टाफ ना डॉक्टर ना नर्स में कोई लक्षण दिखे है. वहीं वो अभी अगले 14 दिन तक क्वॉरन्टीन में रहेंगे.


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