Delhi: दक्षिणी दिल्ली के खेलगांव में रह रहे 90 वर्षीय ओडिसी नर्तक और पद्मश्री सम्मान से नवाजे जा चुके गुरु मायाधर राउत को उनके सरकारी आवास से बेदखल कर दिया गया है. मंगलवार को उनके घर पर पहुंचे अधिकारियों ने उसका सामान घर से बाहर कर दिया. इसे लेकर गुरु मायाधर राउत ने आवास खाली कराने आए अधिकारियों पर पर्याप्त समय नहीं देने का आरोप लगाया है. वहीं, इस पर सरकार ने भी सफाई दी है.
सरकार का कहना है कि 2014 में आवंटन रद्द कर दिया गया था और बेदखली के नोटिस पहले ही दिए जा चुके थे. उन्होंने और अन्य कलाकारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वे केस हार गए और उन्हें घर खाली करने की समय सीमा 25 अप्रैल दी गई थी.
गुरु मायाधर राउत की बेटी मधुमिता राउत का कहना है कि बेदखली कानूनी है, लेकिन जिस तरह से यह किया गया वह आपत्तिजनक है. उन्होंने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि कलाकारों को पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में सम्मान नहीं मिलता है.
'कलाकारों को जानकारी 2020 में ही दी गई'
उन्होंने कहा कि सरकार ने भले ही 2014 आवंटन रद्द कर दिया हो, लेकिन इसकी जानकारी कलाकारों को 2020 में ही दी गई थी. उन्होंने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या यह एक 'राजनीतिक खेल' था, राजीव गांधी ने आवास आवंटित किया था, इसलिए बीजेपी को इसे छीनना है.
'अमानवीय तरीके से किया गया'
मधुमिता राउत ने कहा, "हम इस सरकार की प्राथमिकता पर बहुत कम हैं. कोई सांस्कृतिक नीति भी नहीं है. मैं बेदखली के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन अमानवीय तरीके से किया गया. हमारा सामान बाहर फेंक दिया गया. अगर मैं उस दिन अपने पिता के साथ नहीं होती, तो वे शायद मर गए होते."
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