Delhi Politics: दिल्ली सरकार की शक्तियों को लेकर केंद्र सरकार से लाए गए अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी महारैली करने जा रही है. पार्टी के मुताबिक इस महारैली में एक लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने की कोशिश की जाएगी. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस महारैली में लोग पहुँचे. इसके लिए पार्टी के नेताओं ने घर-घर जाकर लोगों से समर्थन माँगना भी शुरू कर दिया है. 


दिल्ली सरकार के दो बड़े मंत्री इस महारैली को लेकर मंगलवार 6 जून को डोर टू डोर कैम्पेन करते नजर आए. दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज इस कैंपेन के लिए ग्रेटर कैलाश विधानसभा के शाहपुर जाट इलाके में पहुँचे. यहाँ उन्होंने पर्चे बांटकर लोगों से इस रैली में शामिल होने की अपील की और साथ ही लोगों को इस अध्यादेश के बारे में जानकारी भी दी. 


इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार को लंबे अरसे से सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले का इंतजार था. वो फैसला आखिरकार सरकार के हक में आया और दिल्ली सरकार के पास जो अधिकार होने चाहिए वो मिले, लेकिन केंद्र की सरकार ने इस अध्यादेश को लाकर सुप्रीम कोर्ट  के फैसले को ही पलट के रख दिया. 


11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में हैं रैली
दरअसल केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आ गई, जिसने दिल्ली सरकार की सभी शक्तियों को छीनने की कोशिश की. अब इसी को लेकर हमारी लड़ाई जारी है एक तरफ पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी नेताओं से मिलकर इसके खिलाफ संसद में समर्थन जुटा रहे हैं.  वहीं 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में इसको लेकर होने वाली बड़ी रैली में हम सरकारों को और पूरे देश में एक बड़ा संदेश देने की तैयारी भी कर रहे हैं. यही वजह है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए इस तरह से डोर टू डोर कैंपेन किया जा रहा है. 


विपक्ष को एकजुट होने की है जरूरत
कांग्रेस की तरफ से अब तक मुलाकात का समय न मिलने पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस अपने सभी पहलुओं को देखकर ही फैसला लेती है शायद वह फैसला लेने के लिए विचार कर रहे होंगे. उम्मीद है कि वह जल्द ही फैसला लेंगे. सौरभ ने कहा कि इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है क्योंकि ये ना सिर्फ दिल्ली के साथ बल्कि किसी भी राज्य की सरकार के साथ ऐसा हो सकता है. ऐसे में सभी को साथ आने की जरूरत है.


संसद से लेकर सड़क तक उठाई जाए जमकर आवाज
गोपाल राय ने कहा कि यह लड़ाई बड़ी है. इसमें सभी को साथ आने की जरूरत है. विपक्षी पार्टियों को भी साथ आना चाहिए और उन लोगों को भी जिन्होंने वोट देकर अपनी सरकार चुनी हैं. इस दौरान लोगों को भी ये समझना होगा कि जिस सरकार को उन्होंने चुना है उस सरकार की सभी शक्तियों को केन्द्र सरकार द्वारा छीना जा रहा है. ऐसे में लोगों के वोट की कीमत आखिर क्या रह जाएगी. गोपाल राय ने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए लोगों को भी इस अध्यादेश के खिलाफ खड़ा होना होगा. इस महारैली के जरिए अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की कोशिश है कि इस अध्यादेश के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक जमकर आवाज उठाई जाए ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसे बीजेपी की खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बनाया जा सके.


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