नई दिल्ली:  क्या पिछले साल जेएनयू में हुए बवाल की आंच अब दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंच गई है? एबीवीपी ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने डीयू के रामजस कॉलेज में भी देश विरोधी नारे लगाए हैं, लेकिन आइसा ने आरोपों से इनकार किया है. वहीं आज कॉलेज में दिन भर के लिए क्लासेज सस्पेंड कर दी गई हैं.


दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मौरिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. हमले के दौरान आठ पुलिस वाले और 11 छात्र घायल हो गए थे. इस मामले में डीसीपी ईशा पांडे्य को इन्क्वायरी सौंपी गई है.


वीडियो आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने जारी किया है और ABP न्यूज़ वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता.



35 सेकेंड का एक वीडियो ट्विटर पर कल रात 9 बजे एबीवीपी के नेता साकेत बहुगुणा ने जारी करते हुए दावा किया कि वीडियो दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज कैंपस का हैं और इसमें वामपंथी छात्र देश विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं.



दरअसल, रामजस कॉलेज में दो दिन से एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठन खासकर आइसा आमने-सामने हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के सचिव अंकित सांगवान के मुताबिक ये वीडियो उन्होंने बनाया था.


क्या है घटनाक्रम


रामजस कॉलेज के इतिहास विभाग ने मंगलवार से दो दिन का सेमिनार 'कल्चर ऑफ प्रोटेस्ट' आयोजित किया था. पहले दिन इसमें जेएनयू के विवादित छात्र उमर खालिद और जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व सदस्य शेहला राशिद को भी बुलाया गया था. लेकिन एबीवीपी के विरोध में उतर आने की वजह से मंगलवार का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था.


हालांकि मामला शांत नहीं हुआ. बुधवार को एबीवीपी और आइसा के छात्र आमने सामने आ गए और मारपीट हो गई. इस मामले में आठ पुलिस अफसर भी घायल हैं, जिसे लेकर अज्ञात लोगों पर दंगे करने और ड्यूटी से रोकने का केस दर्ज हुआ है. इस झड़प में पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया. उनके साथ भी मारपीट की गई. अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं.


कौन है उमर खालिद ?


जमानत पर रिहा खालिद उन छात्रों में शामिल हैं जिन पर पिछले साल जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में एक कार्यक्रम करके देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है. देशद्रोह के आरोप में उमर के साथ ही जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और छात्र अनिर्बान जेल में रह चुके हैं.


पहले जेएनयू और अब डीयू में भी देशविरोधी नारे लगाने के दावे से राजनीति गर्माने के आसार हैं, खासकर तब जब यूपी में चुनाव चल रहा है.