Acid Attack: 'मेरे चेहरे का इस्तेमाल कर जुटाए पैसे, मुझ पर नहीं किया कुछ खर्च', एसिड अटैक सर्वाइवर रेशमा ने NGO पर लगाए आरोप
Reshma Qureshi: 17 साल की रेशमा कुरैशी पर उनके जीजा ने तेजाब फेंक कर उनका चेहरा जला दिया था. अब उनका आरोप है कि उनके नाम पर एक NGO ने पैसे तो जुटाए, लेकिन उन पर खर्च नहीं किए.
Acid Attack survivor Reshma Qureshi: एसिड अटैक सर्वाइवर रेशमा कुरैशी ने एक एनजीओ पर पैसों के गबन का आरोप लगाया है. रेशमा का कहना है कि एनजीओ ने पैसे जुटाने के लिए उनके चेहरे का इस्तेमाल किया, लेकिन उनकी कोई मदद नहीं की.
रेशमा कुरैशी एसिड अटैक पीड़ितों के संघर्षों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए न्यूयॉर्क फैशन वीक के रैंप पर चली थी. वहीं, आज रेशमा अपने रोजाना के खर्चों को पूरा करने के लिए मुश्किलों का सामना कर रही हैं.
रेशमा ने दावा किया कि एक एनजीओ ने उनके चेहरे का इस्तेमाल कर पैसे जुटाए, लेकिन उनके इलाज या पढ़ाई के लिए एक पैसा भी खर्च नहीं किया. उन्होंने कहा कि कुछ एनजीओ ने उसके जैसे कई एसिड अटैक सर्वाइवर्स का इस्तेमाल किया और उन्हें फेंक दिया. दिल्ली के एक एनजीओ में रहने वाली रेशमा फिलहाल बेरोजगार है. उनकी कहानी याद करके आज भी सबका दिल दहल उठता है.
एनजीओ पैसा कमाने के लिए पीड़ितो का कर रहे हैं इस्तेमाल
बेहद खूबसूरत दिखने वाली रेशमा पर 2014 में एसिड अटैक हुआ था. रेशमा के चेहरे को उनके जीजा ने चेहरे पर तेजाब फेंक कर जला दिया था तब वह सिर्फ 17 साल की थी. एसिड से उनका चेहरा पूरी तरह से झुलस गया और एक आंख की रोशनी भी चली गई.
रेशमा ने कहा कि एक समय था जब मेरे पोस्टर पूरे मुंबई में लगाए जाते थे. मैं एसिड अटैक पीड़ितों को मेकअप लगाना सिखा रही थी. उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ 17 साल की थी और मेरे नाम का इस्तेमाल करके पैसे जुटाए जा रहे थे, जिसके बारे में मैं पूरी तरह से अनजान थी.
रेशमा ने बताया कि मुझ पर आधारित किताबों के लिए मुझे 80,000 रुपये मिले, लेकिन एनजीओ ने मुझे नहीं दिया. उन्होंने कहा कि मैं दुनिया को बताना चाहती हूं कि कुछ एनजीओ पैसा बनाने के लिए मुझ जैसे पीड़ितों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एनजीओ ने पिछले महीने हटा दिया ट्विटर अकाउंट
रेशमा ने कहा कि मैंने लोगों में अमानवीयता तब देखी जब मेरे चेहरे का उपयोग करके करोड़ों बनाने वाले एनजीओ ने पिछले महीने मेरा ट्विटर अकाउंट हटा दिया. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई मुझे समझ में आया कि मैं अकेली नहीं हूं, जिसके साथ ऐसा हो रहा है.
रेशमा ने कहा कि मैंने करीब डेढ़ साल पहले एनजीओ छोड़ दिया था, क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं थे, न ही मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी और न ही मेरे पास नौकरी थी. उन्होंने बताया कि उनके पिता एक एक टैक्सी ड्राइवर है, जिन्होंने अपनी सारी बचत उसके इलाज पर खर्च कर दी और यहां तक कि अपनी टैक्सी भी बेच दी.
रेशमा ने डिजाइनर अर्चना कोचर के लिए 2016 न्यूयॉर्क फैशन वीक में रैंप वॉक किया था. वह कई टॉक शो में रही हैं और उनके बारे में बीइंग रेशमा नाम की एक बायोग्राफी भी पब्लिश हुई थी. उन्होंने कहा कि इस सब उपलब्धियों के बावजूद, मेरे पास अब करने के लिए कुछ नहीं है. रेशमा ने कहा कि मेरे जैसी कई लड़कियों ने भयानक एसिड हमलों में अपना चेहरा खो दिया है और ऐसे एनजीओ उनका इस्तेमाल कर रहा है और पैसे कमा रहे हैं.
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