आदर्श नगर इलाके में झपटमारी के दौरान महिला की हत्या के मामले के बाद स्थानीय लोगों में कानून व्यवस्था को लेकर भय व्याप्त है. साथ ही स्थानीय लोगों का आरोप है कि आदर्श नगर इलाके में झपटमारी की घटनाएं बेहद आम है और इसकी मुख्य वजह पुलिस की लचर व्यवस्था है. इलाके में न तो सही तरीके से बैरिकेडिंग की जाती है और न ही पुलिस की पेट्रोलिंग रहती है. यही वजह है कि आपराधिक तत्व बेखौफ इस इलाके में वारदात को अंजाम दे रहे हैं.


झपटमारी का शिकार हुए स्थानीय निवासी सुमित ने अपने साथ हुई घटना का किया जिक्र


सुमित सिंह ने कहा कि, "मेरा नाम सुमित सिंह है और मैं आदर्श नगर इलाके में ही रहता हूं. मेरा ऑफिस गुरु नानक मार्ग के नजदीक ही है. बात ज्यादा पुरानी नहीं है लगभग 1 महीने पहले 28 जनवरी को मैं अपने दोस्त के साथ स्कूटी पर सवार होकर आदर्श नगर शनि बाजार रोड के पास से ही जा रहा था. मैं स्कूटी की पिछली सीट पर बैठा था. तभी एक बाइक पर दो लड़के सवार होकर हमारे नजदीक आए और उन्होंने मेरे गले से सोने की चेन खींच ली. हम लोग भी स्कूटी पर थे और हमने उनका पीछा किया, लेकिन वे लोग जहांगीरपुरी के अंदर घुस गए."


सुमित ने आगे बताया, "हमने कुछ दूर तो उनका पीछा किया लेकिन फिर हमें वापस लौटना पड़ा. मैंने मामले की शिकायत पुलिस से की. जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन अभी तक मेरे पास थाने से कोई फोन नहीं आया न ही मुझे यह बताया गया कि मेरे केस में क्या जांच हो रही है? झपटमार पकड़े गए या नहीं. मुझे कोई जानकारी नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि आदर्श नगर इलाके में ऐसी घटनाएं आम हो चुकी हैं. अब लोगों को भी लगता है कि पुलिस ने कुछ करना नहीं है. अगर कोई बात हो जाती है तो वे शांत बैठ जाते हैं, क्योंकि पुलिस सुनवाई करती नहीं है और बार-बार थाने के चक्कर लगाने से अच्छा है कि जो हो गया उसे भूल जाए."


शिकायत करने पर भी नहीं होती कार्रवाई - एसएन सिंघल, जनरल सेक्रेटरी, आरडब्ल्यूए


सिंघल ने बताया, "मैं लगभग 20 साल से आदर्श नगर आरडब्लूए का जनरल सेक्रेटरी हूं. आदर्श नगर की बात की जाए तो आज के समय में यहां पर कानून व्यवस्था नाम की चीज खत्म हो चुकी है. झपटमारी, चोरी आदि जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं. अगर हम क्षेत्र के पार्क की बात करें तो यहां पर भी असामाजिक तत्व सक्रिय हैं. शाम के समय आप पार्क के अंदर जा नहीं सकते हो. अगर असामाजिक तत्वों का कोई विरोध करता है तो वे लोग चाकू मार देते हैं. पुलिस की बात करें तो पुलिस अपना दायित्व निभाने में पूरी तरीके से नाकाम है."


उन्होंने आगे कहा कि, "अपराध से जुड़ी हुई कोई शिकायत की जाती है तो उस पर कोई सुनवाई नहीं होती है. अगर मैं अपनी बात करूं तो बतौर आरडब्ल्यूए का जनरल सेक्रेटरी होने के नाते मैंने स्थानीय एसएचओ से लेकर डीसीपी, पुलिस कमिश्नर, उपराज्यपाल आदि सभी को समय-समय पर इस विषय में शिकायत पत्र भेजे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 27 फरवरी की रात में जो घटना हुई है, जिसमें सिमरन कौर नामक महिला की हत्या की गई है. उसे लेकर भी मैंने पत्र लिखा है और उस पत्र के माध्यम से भी एक बार फिर से यह बताया है कि आदर्श नगर इलाके में अपराधी बेहद ज्यादा सक्रिय हैं और कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है. लेकिन उम्मीद कम है कि कोई ठोस कार्रवाई हो पाएगी."


स्थानीय लोगों ने डेढ़ सौ बैरिकेड बनवाए थे जो अब यहां से गायब है


आदर्श नगर इलाके में ही रहने वाले गुरविंदर सिंह का कहना है कि साल 2012-2013 के आसपास तत्कालीन एसएचओ के कहने पर आदर्श नगर के स्थानीय लोगों ने खुद पैसे एकत्र करके डेढ़ सौ बैरिकेड बनवाए थे. जिन्हें आदर्श नगर के अलग-अलग एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर लगाया गया था. मकसद यही था कि आवारागर्द और अपराधिक तत्वों पर रोक लगाई जा सके और उस समय पर झपटमारी आदि जैसी वारदातों पर रोक भी लगी थी, लेकिन हम अभी की बात करें तो पिछले कुछ समय से इस इलाके में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा चुकी है. यहां पर एक भी बेरिकेड नहीं है.


सिमरन कौर की हत्या जिस जगह पर हुई है, उस जगह से लगभग 150 मीटर दूरी पर एक पुलिस बूथ भी है. 27 फरवरी से पहले इस बूथ पर पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं रहते थे, लेकिन रविवार को काफी कहने सुनने के बाद पुलिस ने अब यहां पर कुछ कर्मचारियों की तैनाती की है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो पुलिस बैरिकेड स्थानीय लोगों ने अपने खर्चे से बनवाए थे, वे कहां चले गए. अगर बॉर्डर पर भेजे हैं तो गलत है, क्योंकि वे दिल्ली पुलिस ने अपने खर्चे से नहीं खरीदे थे. वे आदर्श नगर के लोगों के थे और यहां की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है.


सिमरन की मौत से नाराज़ लोगों ने आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर किया प्रदर्शन


शनिवार रात को आदर्श नगर इलाके में हुई सिमरन कौर की हत्या के मामले में आज सुबह स्थानीय लोगों ने आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर एकत्र होकर प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का कहना था कि सिमरन कौर की हत्या जिस प्रकार से की गई है, वह स्थानीय पुलिस की लापरवाही का नतीजा है, क्योंकि यहां पर झपटमारी आए दिन होती है. पुलिस को भी समय-समय पर शिकायत की जाती है, लेकिन उस सब के बावजूद पुलिस कोई काम नहीं कर रही है. हालांकि आला अधिकारियों के समझाने बुझाने पर और आश्वासन देने पर स्थानीय लोग वापस लौट आए.


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