दिल्ली: तीन साल बाद पूरे होंगे वादे, शहर की सड़कों पर जल्द लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो बीईएल ने 272 करोड़ रुपये की बोली जीती थी. साथ ही इस बोली में ये भी डील हुई थी कि सभी विधानसभा क्षेत्र में वहीं से चुने गए विधायक तय करेंगे कि कहा कैमरे लगेंगे और कहा नहीं?
नई दिल्ली: करीब तीन साल की देरी के बाद आम आदमी पार्टी अब पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरों को लगाने का वादा पूरा करने जा रही है. राजधानी में सीसीटीवी लगाने के लिए पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू) भारतीय इलक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने 1.4 लाख कैमरों की बोली जीती थी.
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो बीईएल ने 272 करोड़ रुपये की बोली जीती थी. साथ ही इस बोली में ये भी डील हुई थी कि सभी विधानसभा क्षेत्र में वहीं से चुने गए विधायक तय करेंगे कि कहां कैमरे लगेंगे और कहां नहीं? अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पीडब्लयूडी इन कैमरों को लगवाएगा, जो परियोजना को पूरा करने के लिए नोडल एजेंसी थी.
साल 2012 में गैंगरेप के बाद पनपे आक्रोश के बाद इस काम को करने का दौर शुरू हुआ. उसके बाद शहर में कैमरों के नेटवर्क बिछाने का वादा दिल्ली सरकार की ओर से किया गया. फिर साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए ये अहम मुद्दा बन गया. इनमें कुछ अहम बातें भी थी कि हर विधानसभा में 2,000 कैमरों की निगरानी कैसे होगी.
साल 2017-18 के बजट में दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए 130 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. लेकिन सूत्रों की मानें तो अब सरकार अपने बजट को बढ़ाने वाली है क्योंकि जो अनुमानित लागत मानी गई थी उससे ये योजना पूरी नहीं हो पाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने कहा, "अगर कैमरे में कोई दिक्कत आती हैं तो हम उस इलाके के आरडब्ल्यूए, कांस्टेबल और कंपनी के ही रखरखाव इकाई के पास इस शिकायत को SMS के जरिए भेजेंगे. जिससे इस शिकायत का निपटारा किया जा सके."