Delhi AIIMS: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ही सिर्फ आधिकारिक तौर पर अभी इस मामले की जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि एम्स के सर्वर का जो इन्फेक्टेड सर्वर था उसे जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक लैब CFSL भेजा गया है और वो इसकी जांच कर रहे हैं. इससे पता लगेगा कि इस सर्वर को कहा से हैक किया गया? इसका सोर्स क्या है? क्या इंडिया के अंदर से ही ये हैकिंग की गई या बाहर से ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.


सेंट्रल फोरेंसिक लैब की दिल्ली (Delhi) और अहमदाबाद (Ahmedabad) की टीम इस इन्फेक्टेड सर्वर (Infected Server) की जांच कर रही है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट जिसे पहले साइपेड कहा जाता था वो भी अपने एक्सपर्ट्स के साथ एक पेररल जांच कर रहे हैं. अभी तक हैकिंग के सोर्स का पता नही लग पाया है.


एनआईए भी जांच में जुटी है


एम्स के जो सर्वर रिस्टोर किए जा चुके हैं या रेकटिफिकेशन का जो काम चल रहा है उसमें ग्रह मंत्रालय से लेकर आईटी मंत्रालय और कई अलग-अलग विभाग काम कर रहे हैं. सर्वर हैक कैसे हुआ इसकी आधिकरिक तौर पर जांच दिल्ली पुलिस कर रही है और अनौपचारिक तौर पर एनआईए भी एम्स जाकर इसकी जांच में शामिल हुई है.


सीएफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही दिल्ली पुलिस कोई आधिकारिक बयान जारी कर सकती है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द पुलिस इसमें कोई बयान जारी करेगी. दरअसल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर बुधवार को लगातार आठवें दिन भी ठप रहा जिससे ‘ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट’ प्रणाली बंद रही. OPD में आने वाले रोगियों की संख्या में 20 प्रतिशत का इजाफा होने से  लंबी कतारें देखने को मिलीं. 


यह भी पढ़ें.


Satyendar Jain Case: सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर ED को नोटिस, दिल्ली HC ने दो हफ्ते में मांगा जवाब