Delhi AIIMS: सर्वर रिस्टोर होने के बावजूद अभी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे मरीज, OPD आने वाले लोगों को हो रही दिक्कत
AIIMS में स्मार्ट लैब में बारकोड के जरिए मरीजों के सैंपल की जांच होती हैं लेकिन ऑनलाइन सेवाएं शुरू न होने के चलते सैंपल कलेक्शन भी नहीं हो पा रहा है.
Delhi AIIMS CYBER Attack: दिल्ली एम्स का मुख्य सर्वर 8 दिन पहले हैक होने के बाद अब डेटा तो रिस्टोर किया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद अभी तक ऑनलाइन सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं. इसकी वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इससे ओपीडी में आने वाले मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.
इस कारण कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सका है. भर्ती हुए मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने में भी परेशानी हो रही है. जांच तो प्रभावित हो ही रही है साथ ही सैंपल कलेक्शन करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
मरीजों को हो रही हैं दिक्कत
एम्स ओपीडी काउंटर के बाहर मरीजों की अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई है. ऐसे मरीज जिन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था. उन्हें भी यूनिक आईडी नहीं मिल पाई है. हालांकि एम्स प्रशासन का कहना है कि बिना यूनिक आईडी के भी डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं. मरीजों का ऑनलाइन डेटा अपलोड न होने की वजह से अस्पताल से छुट्टी भी नहीं मिल पाई, जिस वजह से नए मरीजों को भर्ती करने में दिक्कत हो रही है.
AIIMS प्रशासन ने कहा- डेटा दोबारा रिस्टोर किया
एम्स में स्मार्ट लैब में बारकोड के जरिए मरीजों के सैंपल की जांच होती हैं लेकिन ऑनलाइन सेवाएं शुरू न होने के चलते सैंपल कलेक्शन भी नहीं हो पा रहा है. हालांकि एम्स प्रशासन का कहना है कि इतने बड़े डेटा को रिस्टोर तो किया जा चुका है. लेकिन सिस्टम में जो लूपहोल थे. उनको एनआईसी ठीक करने में लगी है. एनआईसी ई-हॉस्पिटल डेटाबेस के लिए एप्लिकेशन सर्वर बहाल करने में लगी हुई है.
ओपीडी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
पिछले कुछ सालों से एम्स में ओपीडी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा है. ऐसे में कई मरीज इस माध्यम से ही पंजीकरण कराते हैं, ताकि अस्पताल में जाकर लाइन में न लगना पड़े. चूंकि सर्वर काम नहीं कर रहा है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन भी मैनुअल तरीके से हो रहा है. मैनुअल तरीके से ओपीडी स्लिप बनने में समय लग रहा है. जिससे अस्पताल में भीड़ भी बढ़ रही है.
मरीजों ने दिक्कतों को बताया
एक मरीज ने कहा, "मेरे पिता दिल के मरीज हैं. उनका रजिस्ट्रेशन कराने यहां आया था, क्योंकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. यहां कोई सुविधा लेने वाला नहीं है. मैंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश की लेकिन हुआ नहीं. 6 घंटे से इंतजार कर रहा हूं लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. अंदर बहुत लोग है ऐसे जिनको 2 महीने पहले डेट मिल गई थी लेकिन फिर भी वो कई घंटे से इलाज का इंतजार कर रहें हैं."
चित्रा कुमार नाम के मरीज ने कहा, "एक होने की वजह से सब कुछ मैनुअल चल रहा है जिसकी वजह से बहुत ज्यादा लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है डेंटल का केस है मेरा लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है की मरीज को बैठने की भी जगह नहीं है 2 से 3 घंटे लाइन में लग जा रहे हैं मैनुअल पर्ची बनने में."
एक मरीज नंदकिशोर ने कहा, "मुझे टीवी है और देखने में दिक्कत है. मैं विकलांगों का इलाज कराने एम्स आया हूं लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से डॉक्टर डेट नहीं दे रहा है डॉक्टर कह रहे हैं. जब सर्वर ही नहीं है तो डेट कैसे दें. दवा भी नहीं मिल पा रही है. मुझे वापस लौटा दिया 8 दिन हो गए हैं मुझे आए अलीगढ़ से आए हैं लेकिन इलाज नहीं हो पा रहा है."
पूनम देवी के मरीज ने कहा, "सर्वर डाउन होने की वजह से हमें डेट नहीं मिल पा रही है. मेरे पेट में गांठ है. हम बिहार से आए हैं इलाज कराने के लिए लेकिन हमारा दिन खराब हो रहा है हम मजदूरी करते हैं. लेकिन इलाज भी नहीं हो रहा है. और मजदूरी भी मारी जा रही है. भीड़ की वजह से नंबर नहीं लग पा रहा है सर्वर डाउन होने की वजह से डेट नहीं मिल रही है."
शिवकुमारनाम के मरीज ने कहा, "सर्वर डाउन होने की वजह से रिपोर्ट नहीं आ रही है एक महीना हो गया जांच करें. मेरी भाभी को ब्लड कैंसर है. यूपी के फिरोजाबाद से आए हैं हर 2 दिन 3 दिन में आना पड़ता है लेकिन रिपोर्ट न मिलने के कारण वापस लौटना पड़ रहा है."
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