Delhi Air Quality Hazardous: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिवाली की अगली सुबह यहां की हवा में लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. धुंध की मोटी चादर ने पूरे वातावरण को ढक दिया. धुंध इतनी ज्यादा थी कि सुबह होने के बावजूद, रोशनी हो जाने के बावजूद स्मॉग की वजह से साफ-साफ नही दिखाई दे रहा था. अपनी गाड़ियों से निकले लोगों को सावधानी बरतते हुए वाहनों की हेड लाइट ऑन कर चलना पड़ा.
दिल्ली के आनंद विहार पर AQI 709 दर्ज हुआ है, जो कि खतरनाक की श्रेणी में आता है. पिछले साल भी ये जगह खतरनाक की श्रेणी में ही थी. यानि बीते साल से कोई सबक नहीं लिया गया है. सरकार द्वारा लगाई गई पटाखों पर पाबंदी और डॉक्टर द्वारा दी गई स्वास्थ को लेकर हिदायतों का कोई असर नहीं हुआ है और बीती रात जमकर आतिशाबाजी हुई.
दिल्ली के पटपड़गंज में जगह-जगह मौजूद पटाखों के अवशेष ये गवाही दे रहे हैं कि पटाखों पर प्रतिबंध लगा होने के बावजूद आतिशबाजी जमकर हुई है. लोगों को पटाखे दुकानों से तो नही मिले लेकिन बंद दरवाजों से पटाखों की खरीद फरोख्त होती रही.
अनार, चरखी, स्काई शॉट, बिजली, सुतली बॉम्ब सभी तरह से पटाखे बीती रात जलाए गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि पटपड़गंज में इस वक्त 999 AQI पहुंच गया. यानी कि हवा की गुणवत्ता बताने वाला मीटर इस वक्त सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है. इसके बाद AQI इंडेक्स मीटर काम भी नही करता है. लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बीती रात आतिशबाजी ना की होती तो आज बेहतर हो सकता था. इस धुंध और प्रदूषण की सजा लोगों को सांस लेने में तकलीफ, खराश इत्यादि रूप में चुकानी पड़ सकती है.
दिवाली की रात राजधानी दिल्ली में आग लगने की छोटी-बड़ी घटनाओं को मिलाकर 152 कॉल फायर डिपार्टमेंट को मिली. फायर विभाग का दावा है कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में आग लगने की घटना में 25% की कमी देखने को मिली. आग की घटना में कोई कैसुअल्टी नहीं हुई.
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