Delhi Air Pullution Case: दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मामले पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट रूम के अंदर AQI का स्तर 990 से ऊपर है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से नीचे चला जाता है, तब भी जीआरएपी का चौथा चरण उसके अगले आदेश तक लागू रहेगा और उसने सभी एनसीआर राज्यों को जीआरएपी का चौथा चरण लागू करने का निर्देश दिया. 


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राज्य और केंद्र का संवैधानिक दायित्व है कि नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GRAP चरण 3 और 4 के सभी खंडों के अलावा, सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने चाहिए कि स्थिति सामान्य हो जाए. कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष गुरुवार तक आदेश के पालन को लेकर हलफनामा दाखिल करें. शुक्रवार को सुनवाई होगी.


सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश


सुप्रीम कोर्ट ने सभी एनसीआर सरकारों को GRAP चरण 4 को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने सभी एनसीआर राज्यों को GRAP चरण 4 के तहत जरूरी कामों की निगरानी के लिए तत्काल टीमों का गठन करने का भी निर्देश दिया. अदालत ने निर्देश दिया कि वे GRAP चरण 4 में दिए गए कदमों पर तुरंत निर्णय लें और अगली सुनवाई की तारीख से पहले उन्हें उसके समक्ष रखें. कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर सरकारों को इस कदम के उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने का भी निर्देश दिया.


साथ ही कोर्ट ने सभी NCR राज्यों को कक्षा 12 तक की सभी कक्षाओं की फिजिकल क्लास बंद करने और ऑनलाइन क्लास शुरू करने का निर्णय लेने का भी निर्देश दिया है.


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरियाई स्थिर उपग्रहों या किसी अन्य स्थिर उपग्रहों से डेटा प्राप्त करने के लिए तत्काल व्यवस्था करने का निर्देश दिया, ताकि पूरे दिन पराली जलाने के आंकड़े राज्यों को उपलब्ध कराए जा सकें और वे तत्काल कार्रवाई कर सकें. अदालत ने यह भी कहा कि आयोग और केंद्र सरकार इस कदम को उठाने में इसरो को भी शामिल करेगी, क्योंकि आखिरी उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि पूरे दिन पराली जलाने की सभी घटनाओं की सूचना संबंधित राज्यों को दी जा सके, ताकि राज्य त्वरित कार्रवाई कर सकें.


दिल्ली सरकार की ढिलाई पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल


सुप्रीम कोर्ट ने जीआरएपी-4 के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों को बढ़ाने में दिल्ली सरकार की ढिलाई पर सवाल उठाया और कहा कि निवारक उपायों में किसी भी तरह की कमी के लिए उसकी स्पष्ट मंजूरी की जरूरत होगी. जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाले पैनल ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के गंभीर स्तर पर पहुंचने के बावजूद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 4 प्रोटोकॉल को सक्रिय करने में चिंताजनक देरी पर नाराजगी जताई. 


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