Delhi Pollution: देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा हर रोज जहरीली होती जा रही है. गुरुवार (2 नवंबर) को दिल्ली के कई इलाकों का वायु गुणवत्‍ता सूचकांक (AQI) खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है. वायु प्रदूषण से बचाव के ल‍िए च‍िक‍ित्‍सकों की ओर से भी सलाह दी जा रही है. खासकर बच्‍चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को ज्‍यादा सावधानी बरतने की अपील की जा रही है. 


लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉयरेक्टर डॉ. सुभाष गिरी ने कहा, "राजधानी में प्रदूषण का स्तर 350 के पार पहुंच गया है. इसलिए हवा में कुछ कण मिल रहे हैं. साथ ही हवा में जहरीली गैसें भी मौजूद है."


वायु प्रदूषण से फेफड़ों को नुकसान


डॉ. गिरी ने वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा, "यह प्रदूषण कई बीमारियों का कारण बन रहा है. यह तेजी से ब्रोंकाइटिस के रूप में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. वायु प्रदूषण बढ़ने से 'क्रोनिक ब्रोंकाइटिस' के मामले भी बढ़ने लगते हैं."


उन्होंने दिल्ली में मेट्रो या दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की अपील की, ताकि प्रदूषण कम हो सके. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस एक बीमारी है जो फेफड़ों को संक्रमित कर देता है. इसमें लोगों को तेज खांसी होने लगती है.


बढ़ते प्रदूषण को लेकर बरते ये सावध‍ान‍ियां 



  • सुबह-सुबह और सूर्य डूबने के बाद घर के बाहर कोई एक्टिविटी न करें.

  • मार्निंग वॉक ज्यादा न करें.

  • घर की खिड़कियों को बंद रखें.

  • लकड़ी या कैंडल न जलाएं.

  • घर को साफ रखें और पानी से पौछा मारते रहें.

  • बाहर निकलते ही N-95 या P-100 मास्क जरूर पहनें.


डॉक्टर ने कहा, "वायु प्रदूषण के इस स्तर की वजह से आंखों में जलन, आंख से पानी जाना, सिर में दर्द होना, थकान महसूस होना, लोगों में अस्थमा के लक्ष्य आना शुरू हो रहा है. इसके लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स भी होंगे जैसे लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर. इससे बचने के लिए ये कोशिश होनी चाहिए कि हम कम से कम घर के बाहर निकलें. जब भी बाहर निकलें उस समय इलेक्ट्रिक गाड़ी का इस्तेमाल करें. खुले में कुछ भी न जलाएं. अपने घर में प्लांट का उगाएं."


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