नई दिल्ली: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण से स्थिति भयावह होती जा रही है. दिवाली के बाद से ही धुंध की चादर बिछी है और यह लगातार घनी हो रही है. एक तरह से दिल्ली-एनसीआर ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुकी है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और आंखों में जलन महसूस कर रहे हैं. कल ही पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की.


प्रदूषण के खतरनाक स्तर के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने सुबह की सैर और अन्य गतिविधियां छोड़ दी हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल जनवरी के बाद पहली बार एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ या ‘आपात’ श्रेणी में पहुंच गया है.


आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आज सुबह साढ़े सात बजे वायु गुणवत्ता का स्तर ओवरऑल 480 पर पहुंच गया. कल इतने ही बजे राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 था, जो गुरुवार की रात आठ बजे 410 दर्ज किया गया था. हरियाणा के हिसार और फतेहाबाद में तो सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं. फतेहाबाद में पीएम 10 का स्तर 900 के पार है. वहीं हिरार में पीएम 10 का स्तर 845 और पीएम 2.5 का स्तर 731 है.


क्या है पैमाना?
एक्यूआई जब 0-50 होता है तो इसे ‘‘अच्छी’’ श्रेणी का माना जाता है. 51-100 को ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 को ‘‘मध्यम’’, 201-300 को ‘‘खराब’’, 301-400 को ‘‘अत्यंत खराब’’, 401-500 को ‘‘गंभीर’’ और 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘‘बेहद गंभीर और आपात’’ श्रेणी का माना जाता है.


नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम में कैसी है स्थिति?
आईआईटी दिल्ली के पास पीएम 10 का स्तर 518 है. वहीं पीएम 2.5 का स्तर 462 है. एयरपोर्ट की बात करें तो यहां पीएम 10 का स्तर 519 और पीएम 2.5 का स्तर 510 है. लोधी रोड के आसपास पीएम 10 का स्तर 409 है और पीएम 2.5 का स्तर 477 है.


दिल्ली से सटे नोएडा की बात करें तो यहां स्थिति दिल्ली से ज्यादा खराब है. नोएडा में पीएम 10 का स्तर 578 है और पीएम 2.5 का स्तर 563 है. गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 455 है और पीएम 10 का स्तर 480 पर है. गुरुग्राम में पीएम 10 का स्तर 506 है और पीएम 2.5 का स्तर 585 है. 



पराली जलाने की सूचना देने वालों को मिलेगा 1000 रुपए का इनाम
वायु प्रदूषण के कारण ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हुई दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोके जाने की अपील के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी देने वालों को इनाम के रूप में नकदी देने की शुक्रवार को घोषणा की. सरकार ने कहा है कि अपने इलाके में इस प्रकार की घटनाओं की सूचना देने वाले को 1000 रुपए इनाम दिया जाएगा और उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी.


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एक्शन में आई योगी सरकार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. योगी ने लोक भवन में राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं इसके निवारण हेतु किए जा रहे उपायों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने जनपद बागपत, हापुड़, मेरठ, बुलन्दशहर, कानपुर, लखनऊ तथा वाराणसी के जिलाधिकारियों से उनके द्वारा अपने-अपने जनपदों में वायु प्रदूषण की स्थिति के निवारण हेतु उठाए गए कदमों के विषय में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.


CM केजरीवाल की अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बदतर होने का जिक्र करते हुए पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार से इस पर रोक लगाने के लिये समय सीमा तय करने की शुक्रवार को मांग की.


केजरीवाल ने 30 सितंबर और 31 अक्टूबर के दो फोटो दिखाते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन ब दिन बढ़ रहा है. हर कोई देख सकता है कि दिल्ली की हवा कितनी प्रदूषित है. मुख्यमंत्री ने पांच नवंबर तक स्कूल बंद रखने का एलान किया है.


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दिल्ली में चार नवंबर से 15 नवंबर तक वाहनों की सम-विषम योजना लागू की जाएगी. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के विभिन्न विभाग अलग-अलग समय पर सुबह साढ़े नौ और साढ़े 10 बजे खुलेंगे.


योजना के तहत एक दिन ऐसे वाहन चलेंगे, जिनकी नम्बर प्लेट पर नम्बरों की आखिरी संख्या सम होगी. जबकि अगले दिन वे वाहन चलेंगे, जिनकी नम्बर प्लेट पर नम्बरों की आखिरी संख्या विषम होगी. यह क्रम आगे भी जारी रहता है.


डॉक्टर का दावा
सर गंगाराम अस्पताल में फेफड़ों के डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा, ‘‘प्रदूषित वायु का 22 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर श्वांस के साथ शरीर में जाने पर यह एक सिगरेट पीने के बराबर होता है. ऐसे में पीएम 2.5 का स्तर 700 हो या 300 हो, इसका प्रभाव बुरा होता है. लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए खासकर उन लोगों को जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या श्वास संबंधी अन्य रोगों से पीड़ित हैं.’’


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