Delhi Pollution: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार (18 मई) को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली की वायु गुणवत्ता को लेकर समीक्षा बैठक की. इस मीटिंग में पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC)  के अधिकारी मौजूद रहे.


मीटिंग के दौरान अधिकारियों से चर्चा करने में पाया गया कि पश्चिम से चल रही धूल भरी हवाओं ने दिल्ली का एक्यूआई लेवल और पीएम 10 को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है. मंगलवार (16 मई) और बुधवार (17 मई) को दिल्ली में पीएम10 की मात्रा में बढ़ोतरी देखी गई. इसे देखते हुए सभी एजेंसियों को सीएंडडी साइट्स पर लगातार एंटी स्मोग गन चलाने और पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं. 


पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने क्या कहा? 
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि 16 और 17 मई को दिल्ली शहर और एनसीआर के कई इलाके धूल की चपेट में आ गए थे. अचानक दिल्ली के एक्यूआई लेवल बढ़ने का कारण पश्चिम दिशा से चल रही हवा है, जिसके साथ थार और पाकिस्तान की धूल भी आ रही है. 


गोपाल राय ने कहा कि इस कारण ही दिल्ली में जहां 1 से 15 मई तक डस्ट प्रदूषण का योगदान केवल 11 प्रतिशत था. वही यह 16 और 17 मई को बढ़कर 65.77 प्रतिशत हो गया. उन्होंने बताया कि परिणामस्वरूप इन दो दिनों में दिल्ली में पीएम10 खतरनाक स्तर तक चला गया. 


समर एक्शन प्लान में क्या नियम है? 
गोपाल राय ने बताया कि समर एक्शन प्लान के तहत  डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों , 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की पूरी दिल्ली में अलग-अलग विभागों ने तैनात की हैं.


धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साइट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था. उन्होंने बताया कि अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.


इसके लिए सभी संबंधित विभागों को निर्माण साइट्स की लगातार निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी के निर्देश के मुताबिक, विभाग उचित कार्रवाई करेगा. 


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