नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. विशेषज्ञों और सरकारी एजेसिंयों का कहना है कि दिवाली की रात यह गंभीर श्रेणी में कदम रख सकता है.
सरकारी एजेंसियों और मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि हवाओं की दिशा उत्तर पश्चिम से बदलकर उत्तर-उत्तर पूर्व होने से प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि हवा की दिशा बदलने से दिल्ली में प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय कमी आई.
दिल्ली में पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 रहा. बुधवार और मंगलवार को यह क्रमश: 344 और 476 दर्ज रहा था.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार चार नवंबर से नौ नवंबर तक दिल्ली में लगातार छह दिनों तक प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहा था.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले दिल्ली के पड़ोसी शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक फरीदाबाद में 304, गाजियाबाद में 328, नोएडा में 305, ग्रेटर नोएडा में 327, गुड़गांव में 293 दर्ज किया गया. ये सूचकांक ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आते हैं.
उन्होंने बताया कि हवा की दिशा बदलने से पंजाब और हरियाणा से पराली का धुआं पहले की तरह इधर नहीं आ पा रहा है. अधिकारी ने बताया कि हालांकि, शुक्रवार को आंशिक तौर पर वायु गुणवत्ता में गिरावट की संभावना है.
आईएमडी ने बताया कि सुबह हवा शांत थी और न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. शांत हवा और निम्न न्यूनतम तापमान से प्रदूषक सतह के करीब रहते हैं जबकि हवा चलने से इन कणों का तेजी से बिखराव होता है.
आईएमडी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ से हवा की गति बढ़ सकती है और दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधर सकती है.
विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में रविवार को हल्की वर्षा होने की संभावना है लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि यह प्रदूषकों के धुलकर बैठ जाने के लिए पर्याप्त है या नहीं.
उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता हवा की रफ्तार बढ़ने से दिवाली के बाद सुधरने की संभावना है. रविवार को हवा की अधिकतम रफ्तार करीब 12 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है. ’’
आईएमडी के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने बताया कि हवा के शांत रहने और पटाखों के कारण दिवाली की रात वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच सकती है.
उन्होंने कहा हवा की रफ्तार उसके बाद बढ़ सकती है और हवा की दिशा पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर होगी. सोनी ने कहा कि 16 नवंबर को वायु की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हेागा.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता संस्था ‘सफर’ ने कहा कि दिवाली पर यदि पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं तो दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर पिछले चार सालों में सबसे कम रहने की संभावना है.
सफर ने कहा कि दिवाली के दौरान पटाखों से उत्सर्जन नहीं होने के कारण प्रदूषण स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी की ऊपरी सीमा पर रहने की संभावना है.
सफर का कहना है कि पराली जलाने की वजह से एक्यूआई पर असर के तौर पर उसमें अगले दो दिनों में ‘मामूली से मध्यम’ वृद्धि हो सकती है.
उसने कहा कि आग जलाने से संबंधित उत्सर्जन से 15 नवंबर को तड़के पीएम 2.5 में वृद्धि हो सकती है.
सीपीसीबी ने बुधवार को हॉट मिक्स संयंत्रों और पत्थर तोड़ने का काम करने वाली मशीनों (स्टोन क्रशर) पर 17 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि त्योहारी मौसम की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है.
उसने पंजाब और हरियाणा सरकार से भी पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है. उसने दिल्ली-एनसीआर में प्रशासन को जैव ईंधनों के जलने पर निगरानी रखने को कहा है.
दिवाली पर अपनी कैबिनेट के साथ अक्षरधाम मंदिर में पूजा करेंगे केजरीवाल, लोगों से कर रहे हैं ये अपील