Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इस गंभीर मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर नाराजगी जाहिर की है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वायु प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. हमें घर पर भी मास्क पहनना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि प्रदूषण से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन लगाने पर भी  विचार हो.


सिर्फ पराली जलाने वाले किसानों को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते- सुप्रीम कोर्ट


आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘’सिर्फ पराली जलाने वाले किसानों को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते. 70 प्रतिशत प्रदूषण की वजह धूल, पटाखे, गाड़ियां आदि हैं, उस पर लगाम लगे.’’ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि पराली के अलावा 70-80 % प्रदूषण के लिए क्या किया जा रहा है. हमें बताइए कि 500 पार पहुंचा AQI कैसे कम होगा.


हमें मास्क पहनना पड़ रहा है- सुप्रीम कोर्ट


सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘’छोटे बच्चों का स्कूल भी खुल गया है, उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ रहा है.’’ चीफ जस्टिस रमना ने केंद्र से कहा कि कृपया आपातकालीन बैठक बुलाइए. तेज़ कदम उठाइए. हम चाहते हैं कि कुछ किया जाए जिससे 2-3 दिन में हालात सुधरें. यह ज्वलंत समस्या है और हमें मास्क पहनना पड़ रहा है.’’


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली के लिए किसानों को दंडित करने की बजाय प्रोत्साहित करने की बात क्यों नहीं करते. केंद्र और राज्य सरकार मदद क्यों नहीं करती? फसल अवशेष से कई तरह का आर्थिक लाभ हो सकता है. किसान को अगली फसल के लिए जमीन तैयार करनी होती है. उसकी मदद होनी चाहिए. हम सोमवार तक सुनवाई स्थगित कर रहे हैं.


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