नई दिल्ली: दिल्ली में हवा की क्वालिटी में लगातार गिरावट आ रही है. पीएम 2.5 का स्तर दो सौ सत्तरह तक पहुंच गया है. दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, जहांगीरपुरी, मथुरा रोड समेत 10 इलाकों में स्थिति बेहद गंभीर है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर है. फरीदाबाद, नोएडा, गुरुग्राम में भी स्थिति खराब है.
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
जानकारों की माने तो दिल्ली में आज और कल प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि प्रशासन की रोक और चेतावनी के बावजूद हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की वजह से दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ा है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों पर बैन लगा दिया.
सरकारें एक दूसरे पर लगा रहीं आरोप
बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''पूरा साल दिल्ली में प्रदूषण ठीक रहा. पर इस वक़्त हर साल दिल्ली को हरियाणा, केंद्र और पंजाब की भाजपा और कांग्रेस सरकारों की वजह से दम घोंटने वाले प्रदूषण को झेलना पड़ता है. हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद ये कुछ करने को तैयार नहीं. इन राज्यों के किसान भी अपनी सरकारों से परेशान हैं.''
केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि आप सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए बुनियादी कदम उठाने में असफल रही. हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल केंद्र एवं राज्य सरकारों पर हमला बोल कर “अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते.”
WHO की चिंतित करने वाली रिपोर्ट
इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएयओ) की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई. साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए.
नाइट्रोजन ऑक्साइड तीन सबसे बड़े 'हॉटस्पॉट' भारत में
इस बीच, ग्रीनपीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रदूषण स्तर की बहुत ही भयावह तस्वीर पेश की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘‘हॉटस्पॉट’’ भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है. पीएम2.5 और ओजोन के निर्माण के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड जिम्मेदार होता है.