नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हवा का प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 401 पहुंच गया है. दिल्ली के 18 इलाकों में हवा बेहद खराब है. आनंद विहार इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर 467 पहुंच गया है.


दिल्ली से सटे फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर 400 के स्तर को पार कर गया है जो बेहद खराब की श्रेणी में आता है. दिल्ली में वायु प्रदूषण पर नजर ऱखने के लिए अलग-अलग एजेंसियों के करीब 44 संयुक्त दलों को नियुक्त किया जा रहा है ताकि वायु प्रदूषण फैलाने वाली चीजों पर लगाम कसी जा सके.


सुप्रीम कोर्ट 10 दिनों के लिए राजधानी में निर्माण कार्य पर रोक लगा चुका है. साथ ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल गाड़ियों को जब्त करने के भी आदेश निकल चुके हैं.


WHO की चिंतित करने वाली रिपोर्ट
इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएयओ) की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई. साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए.


नाइट्रोजन ऑक्साइड तीन सबसे बड़े 'हॉटस्पॉट' भारत में
इस बीच, ग्रीनपीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रदूषण स्तर की बहुत ही भयावह तस्वीर पेश की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘‘हॉटस्पॉट’’ भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है. पीएम2.5 और ओजोन के निर्माण के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड जिम्मेदार होता है.


सरकारें एक दूसरे पर लगा रहीं आरोप
बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा, पंजाब और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''पूरा साल दिल्ली में प्रदूषण ठीक रहा. पर इस वक़्त हर साल दिल्ली को हरियाणा, केंद्र और पंजाब की भाजपा और कांग्रेस सरकारों की वजह से दम घोंटने वाले प्रदूषण को झेलना पड़ता है. हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद ये कुछ करने को तैयार नहीं. इन राज्यों के किसान भी अपनी सरकारों से परेशान हैं.''


केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि आप सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए बुनियादी कदम उठाने में असफल रही. हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल केंद्र एवं राज्य सरकारों पर हमला बोल कर “अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते.”