दिवाली की रात चले पटाखे से दिल्ली की वायु गुणवत्ता हुई खराब- रिपोर्ट
दिवाली की रात फोड़े गए पटाखे ने दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने में बड़ी भूमिका निभाई है. इस संबंध में एक रिपोर्ट मंगलवार को जारी किया गया है.
दिवाली की रात पटाखे फोड़े जाने के लिये रात आठ बजे से रात 10 बजे तक दो घंटे का समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित किये जाने के बावजूद लोगों ने शाम से लेकर देर रात तक पटाखे जलाये. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 की तुलना में 2019 में दिवाली से पहले हवा काफी अच्छी थी जिससे जाहिर होता है कि दिवाली की रात प्रदूषण के स्तर में हुई वृद्धि में पटाखों ने बड़ी भूमिका निभाई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहर में बहुत स्वच्छ वातावरण था लेकिन रात (दिवाली की) 10 बजे के बाद प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया. पटाखों के कारण शाम पांच बजे से रात एक बजे के बीच पीएम (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण) 2.5 में 10 गुना की वृद्धि हुई.
मंगलवार को दिल्ली के आसमान में धुंध की स्थिति रही. इस वजह से सूरज का प्रकाश भी कम मात्रा में धरती पर आया. दरअसल, वायु गुणवत्ता दिल्ली और इससे लगे शहरों में गिर कर ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रात आठ बजे शहर की संपूर्ण वायु गुणवत्ता (वायु गुणवत्ता) 414 थी जबकि सोमवार रात आठ बजे यह 397 थी. राष्ट्रीय राजधानी के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों पर 26 में एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. आनंद विहार (464) सर्वाधिक प्रदूषित रहा. इसके बाद वजीरपुर (430)का स्थान रहा. एनसीआर के गाजियाबाद में 465, ग्रेटर नोएडा में 440 और नोएडा में यह 450 रहा.
दिल्ली सरकार ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 24 घंटों में खेतों में पराली या फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं और राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी इस साल के शीर्ष पर जा सकती है. सरकार ने नासा के उपग्रहों से प्राप्त तस्वीरों के साथ एक बयान जारी कर यह कहा है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि नासा की ताजा तस्वीरों से जाहिर होता है कि दोनों पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाये जाने में तेजी से वृद्धि हुई है. इसने दिल्ली की वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.
इसने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली, ‘सफर’ के मुताबिक फसल अवशेषों से प्रदूषण की हिस्सेदारी अब इस साल के अपने शीर्ष पर जा सकती है. हालांकि, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते दोनों राज्यों को फसल अवशेष जलाया जाना पूरी तरह से रोकने के लिये सख्त निर्देश जारी किये थे. इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और हरियाणा से अपील की है कि वे पराली जलाने को रोकने के लिये ठोस कदम उठाएं, ताकि दिल्ली को ‘गैस चैम्बर’ बनने से रोका जा सके.
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के बढ़ते स्तर का तब तक मुकाबला नहीं कर सकती, जब तक कि पंजाब और हरियाणा पराली जलाये जाने को नियंत्रित करने के लिये सख्त कार्रवाई नहीं करती है. आप नेता आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार हर आपात उपाय कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘अगले हफ्ते से दिल्ली सरकार स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त ‘मास्क’ बांटेगी और सम-विषम योजना भी प्रभावी होगी.’’
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