Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति भयावह होती जा रही है. गुरुवार को आसमान में स्मॉग की मोटी परत छा गई. राजधानी और आसपास इलाके में अगले दो दिन प्रदूषण कई गुना बढ़ जाने की संभावना है. इससे लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, घुटन, गले और नाक में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं.


दिल्ली में 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 411 दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी  39 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्रों में से अधिकतर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. बुधवार को 24 घंटे का औसतन एक्यूआई 372 था. फरीदाबाद (412), गाजियाबाद (461), ग्रेटर नोएडा (417) और नोएडा (434) में भी बृहस्पतिवार शाम चार बजे वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई.


भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह के समय हल्के कोहरे के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई. दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का अभी तक का सबसे कम तापमान है. उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सफदरजंग एयरपोर्ट पर दृश्यता स्तर गिरकर 600 से 800 मीटर तक हो गया.


सीएसई ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा कोहरे का कहर एक और दिन जारी रह सकता है. पिछले चार साल में कोहरे की पहली घटना की तुलना करने पर मौजूदा कोहरा 2018 और 2020 के पहले कोहरे की अवधि से मिलता है जो छह दिन तक रही थी. अगर परिस्थितियों में सुधार नहीं होता है तो यह कोहरा 2019 के कोहरे से भी अधिक समय तक रह सकता है जो आठ दिन तक रहा था. अपेक्षाकृत तेज हवाओं की स्थानीय परिस्थितियों के बावजूद इस साल कोहरे की लंबी अवधि का कारण शहर में प्रदूषण नियंत्रण उपायों की कमी हो सकती है.


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