नई दिल्ली: दिल्ली में हवा की गति मंद रहने के चलते बुधवार को भी एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही. जबकि चार इलाकों में प्रदूषण का स्तर ’गंभीर’ श्रेणी का दर्ज किया गया. इस बीच सीपीसीबी ने एजेंसियों को सोशल मीडिया पर आने का निर्देश दिया है ताकि वे नागरिकों को सीधे शिकायतें दर्ज कराने में मदद कर सकें.
प्रदूषण की निगरानी करने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस बात का भी जिक्र किया है कि प्रदूषण पर रोक लगाने में लोगों और प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई अपर्याप्त है. आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने कृत्रिम बारिश कराने के लिए एक विमान हासिल करने सहित सभी तैयारियां कर ली है बस अब मौसम के अनुकल होने की देर है.
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार शहर में कुल एयर क्वालिटी सूचकांक 373 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है. इसके मुताबिक आनंद विहार, नेहरू नगर, मुंडका और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ श्रेणी की दर्ज की गई, जबकि 30 इलाकों में यह बहुत खराब श्रेणी की रही.
ग्रेटर नोएडा में कुल एयर क्वालिटी 392 दर्ज की गई जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सबसे बदतर स्थिति है. यह गंभीर श्रेणी से कुछ अंक नीचे रही. गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में कुल वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी की रही.
सीपीसीबी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को पीएम 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कणों) का स्तर 240 दर्ज किया गया और पीएम 10 का स्तर 389 रहा. एयर क्वालिटी सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम व सामान्य’, 201 से 300 के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 के स्तर को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है.
केंद्र से संचालित एयर क्वालिटी और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अगले दो-तीन दिन बहुत खराब श्रेणी की बनी रहने की उम्मीद है. सफर ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस समय हवाएं प्रदूषकों के बिखराव के लिए अनुकूल नहीं हैं. आर्द्रता का स्तर भी अधिक है। पराली जलाने की घटनाओं में थोड़ी कमी आई है और इसका मामूली असर पड़ेगा.
इस बीच सीपीसीबी ने लोगों और प्रवर्तन एजेंसियों को सोशल मीडिया पर फौरन आने को कहा है. जहां नागरिक प्रदूषण पर अपनी शिकायतें सीधे दर्ज करा सकें. बोर्ड ने कहा कि इन एजेंसियों की कार्रवाई अपर्याप्त रही है. ये निर्देश एनडीएमसी, एसडीएमसी, ईडीएमसी (तीनों नगर निगम), डीएमआरसी, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा अन्य सार्वजनिक इकाइयों को जारी किए गए हैं.
सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गार्गव ने एक बैठक के बाद टि्वटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों पर एजेंसियों को आने को कहा, ताकि नागरिकों को प्रदूषण की गतिविधियों की शिकायतें दर्ज कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. साथ ही, एजेंसियां अवश्य ही फौरन फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल बनाएं.