Delhi Pollution: प्रदूषण से दिल्ली का हाल बेहाल, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन में आए अधिकारी और सरकार, राजनीति भी चमका रहे नेता
Delhi Pollution: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सांसों के लिए तरस रहे दिल्लीवालों को थोड़ी उम्मीद बंधी थी लेकिन सियासत इस दमघोंटू माहौल में भी जिम्मेदारी से बचती ही नजर आ रही है.
Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण आज फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली के आनंद विहार में AQI 435 तक पहुंच गया है. मतलब सांस लेना भी दूभर है. ITO पर भी प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में वहां करीब 390 से ज्यादा AQI दर्ज की गई है. लोधी रोड पर भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है AQI 350 के पार है. AQI की ये स्थिति आज सुबह 7 बजे की है.
दिल्ली का हाल कितना बेहाल है इसका अंदाजा इस बात के लगाइए कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को सीधे-सीधे फटकार दिया, लेकिन दिल्ली में दो चीजें नहीं रुकीं, प्रदूषण और राजनीति. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है कि मंगलवार शाम तक कुछ ठोस उपाय कर लें. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आज केंद्र सरकार ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की बैठक बुलाई है. बैठक में कमीशन के चेयरमैन एमएम कुट्टी, पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता होंगे. इसके अलावा यूपी, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े अधिकारी भी शामिल होंगे.
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन में आईं सरकारें
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को पहली सुनवाई ही पर्यावरण पर होनी है. सुनवाई से पहले प्रदूषण की रोकथाम की रणनीति बनानी होगी. सुप्रीम कोर्ट के दखल देने से पहले सभी सरकारें एक दूसरे पर ठीकरा ही फोड़ती दिख रही थीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सभी एक्शन में आ गए. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने विदेश दौरे से लौटते ही आपातकाल बैठक बुला ली. पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक घंटे चली इस बैठक में भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में प्रदूषण के हालात का फीडबैक लिया.
सुप्रीम कोर्ट ने भौंहें तानी तो अधिकारी भी चुस्त दुरुस्त हो गए
हरियाणा के फतेहाबाद में खेतों में पराली में लगी आग को बुझाने अफसर ही दौड़ पड़े मैदानों में. फायर ब्रिग्रेड को बुलाकर आग बुझवाई गई. DC पहुंचे, कृषि विभाग के अधिकारी दौड़े, कृषि उपनिदेशक भी पहुंच गए मौका ए वारदात पर. अब DC ने खेतों में आग लगाने वाले किसानों पर FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया.
दिल्ली सरकार ने अदालत में हलफनामा दिया था कि प्रदूषण के लिए आस-पास के राज्यों के किसान ज्यादा जिम्मेदार हैं. इस पर कोर्ट ने फटकारते हुए कहा, 'आप सिर्फ किसानों पर प्रदूषण का ठीकरा फोड़ना चाहते हैं. दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्थानीय कारणों पर चर्चा नहीं कर रही है.' इस पर दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि ऐसा नहीं है, बाकी बातों पर भी कदम उठाए जा रहे हैं. कोर्ट को दिल्ली नगर निगम से भी जवाब मांगना चाहिए, क्योंकि दिल्ली का एक बहुत बड़ा हिस्सा उसी के तहत आता है.
प्रदूषण पर राजनीति
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट सरकारों को फटकार रही है तो दूसरी तरफ नेता अपनी राजनीति चमका रहे हैं. फटकार के बाद दिल्ली सरकार सफाई दे रही है और विरोधी हमले कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'दिल्ली में प्रदूषण भौगोलिक वजहों से है. मिलकर काम करेंगे. हर कदम उठाएंगे जिससे दिल्ली का प्रदूषण कम होता हो.' वहीं बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, दिल्ली सरकार में थोड़ी भी नैतिकता है तो केजरीवाल इस्तीफा देदे. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, 'कोर्ट ने आज केजरीवाल सरकार की पोल खोल दी. केजरीवाल प्रदूषण से जंग का ढोंग कर रहे हैं और उसके नाम पर अपना चेहरा चमका रहे हैं.'
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सांसों के लिए तरस रहे दिल्लीवालों को थोड़ी उम्मीद बंधी थी लेकिन सियासत इस दमघोंटू माहौल में भी जिम्मेदारी से बचती ही नजर आ रही है. दिल्ली सरकार के दो बड़े नेता चुनावी दौरे पर रवाना हो रहे हैं. दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल आज से दो दिन के गोवा दौरे पर जा रहे हैं. वहीं डिप्टी CM मनीष सिसोदिया भी आज ही दो दिन के उत्तराखंड दौरे पर जा रहे हैं. अब ये दोनों चुनावी दौरे पर दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए क्या उपायों पर चर्चा करेंगे और क्या कदम उठाएंगे, इसका भगवान ही मालिक है, ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली के लोग अब भगवान भरोसे ही हैं.
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