AQI: मुंबई से बदतर दिल्ली की हवा, बेंगलुरु से बुरा हाल चेन्नई का, जानिए- कोलकाता सहित इन बड़े शहरों की हवा का हाल
Delhi AQI After Diwali: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले सात सालों से दिवाली के अगले दिन हवा सांस लेने लायक नहीं बची. दिवाली के पटाखों और पराली के धुएं को प्रदूषण का कारण बताया जाता है.
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AQI of Indian Cities Today: दिवाली (Diwali) के बाद मंगलवार (25 अक्टूबर) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा (Delhi AQI) मुंबई (Mumbai) से बदतर और सबसे खराब स्तर पर बताई जा रही है. भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के रोग नियंत्रण राष्ट्रीय केंद्र (NCDC) की वेबसाइट के मुताबिक, मंगलवार सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 325 दर्ज किया गया, जो सबसे खराब श्रेणी में आता है. इसका मतलब है कि हवा सांस लेने लायक नही है.
वहीं, मुंबई का एक्यूआई 198 बताया गया. वेबसाइट के मुताबिक, इसे संतुलित श्रेणी में रखा गया. देश के चार महानगरों में से बाकी दो- चेन्नई (Chennai) और कोलकाता (Kolkata) का एक्यूआई क्रमश: 233 और 38 दर्ज किया गया. 233 एक्यूआई के साथ चेन्नई की हवा खराब श्रेणी में बताई गई है और 38 एक्यूआई के साथ कोलकाता की हवा अच्छी बताई गई है.
7 सालों से दिवाली पर दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं
इस बार दिवाली के दूसरे दिन दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में है लेकिन पिछले साल स्थिति इससे भी खराब थी. 2021 की दिवाली के अगले दिन दिल्ली का एक्यूआई 462 दर्ज किया गया था. आंकड़े बताते हैं कि पिछले सात सालों से दिवाली के अगले दिन दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं रही है. आंकड़ों में 2016 में दिल्ली का एक्यूआई 445, 2017 में 407, 2018 में 390, 2019 में 368, 2020 में 435 और 2021 में 462 रहा.
अक्टूबर के चार हफ्तों में दिल्ली का एक्यूआई
इस महीने के चार हफ्तों में दिल्ली का एक्यूआई देखें तो 3 अक्टूबर को यह 128, 10 अक्टूबर को 44, 17 अक्टूबर को 237 और 24 अक्टूबर को 312 रहा. 10 अक्टूबर को दिल्ली का एक्यूआई 44 इसलिए रहा क्योंकि इस दिन भारी बारिश हुई थी.
अन्य बड़े शहरों में एक्यूआई
दिवाली के बाद देश के अन्य बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता की बात करें तो आगरा में एक्यूआई 194, अहमदाबाद में 176, भुवनेश्वर में 313, चंडीगढ़ में 177, देहरादून में 332, फरीदाबाद में 311, गांधीनगर में 202, गाजियाबाद में 275, ग्रेटर नोएडा में 288, गुरुग्राम में 314, ग्वालियर में 238, हैदराबाद में 161, इंदौर में 209, जबलपुर में 223, जयपुर में 248, जालंधर में 252, झांसी में 235, कानपुर में 192, कोटा में 230, लखनऊ में 199, लुधियाना में 265, मुरादाबाद में 223, मैसूर में 73, नागपुर में 195, नासिक में 144, नोएडा में 316, पटना में 170, प्रयागराज में 132, पुडुचेरी में 254, पुणे में 132, शिलांग में 19, सोनीपत में 217, उदयपुर में 197, उज्जैन में 268, वाराणसी में 147, विशाखापट्टनम में 239 और यमुनानगर में 208 रहा.
वायु प्रदूषण के पीछे क्या है कारण?
दिवाली पर हवा की गणवत्ता खराब होने के पीछे एक कारण पटाखों से होने वाला धुआं बताया जाता है. दिल्ली में रोक के बावजूद जमकर पटाखे चले. वहीं, पड़ोसी राज्यों में पराली जलने को भी दिल्ली में प्रदूषण की वजह माना जाता है. प्रशासन ने हवा का साफ रखने की रणनीति बनाई है.
दिल्ली में हवा साफ रखने का ये है प्लान
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) न ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू कर दिया है. इसके तहत हर दिन सड़कों की साफ-सफाई और हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाना है. होटल-रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है. डीजल वाले जनरेट का इस्तेमाल केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए ही होगा. स्मॉग टावर लगाए गए हैं. इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि कहीं आने-जाने के लिए वे ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें.
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