नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान गरीबों की मदद के लिए मोदी सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की. योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के सभी लाभार्थियों को अप्रैल, मई और जून में उनको मिलने वाले सस्ते अनाज के साथ-साथ मुफ्त अनाज देने का भी एलान किया गया है. इसमें जून तक हर महीने 1 किलो मुफ्त दाल भी शामिल है.


लेकिन दिल्ली में योजना के क्रियान्वयन की रफ्तार बेहद धीमी है. खाद्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली सरकार अप्रैल के लिए आवंटित अपने हिस्से का 1 प्रतिशत से भी कम अनाज गरीबों में मुफ्त बांट पाई. योजना के तहत दिल्ली के लिए अप्रैल से जून के लिए कुल 109100 मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया गया. इसमें 87280 टन गेहूं जबकि 21820 टन चावल शामिल हैं.


इसमें से करीब 36000 टन अनाज दिल्ली सरकार के पास पहुंच भी चुका है लेकिन हैरानी इस बात की है कि इसमें से महज 63 टन अनाज ही गरीबों तक पहुंच पाया. 6 मई तक के आंकड़ों के अनुसार केवल 12600 गरीबों को ही इसका फायदा मिल सका है. खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने खुद ट्वीट करके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनाज के वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया है.






पंजाब में भी रफ्तार दिल्ली जैसी ही
पंजाब में भी अनाज को बांटने की रफ्तार दिल्ली जैसी ही है और अप्रैल के महीने में राज्य में महज 1 प्रतिशत लाभर्थियों को ही मुफ्त अनाज मिल पाया है. पंजाब को अप्रैल से जून तक के लिए 212175 टन अनाज का आवंटन किया गया है और अबतक करीब 76000 टन अनाज राज्य सरकार के पास पहुंच भी चुका है.


इसमें से अप्रैल के महीने में केवल 688 टन मुफ्त अनाज का ही वितरण हो सका जिससे करीब 1.38 लाख लाभर्थियों को ही फायदा हुआ. दिल्ली और पंजाब के अलावा झारखंड ( 17 प्रतिशत वितरण ) , पश्चिम बंगाल ( 34 प्रतिशत ) , कर्नाटक ( 34 प्रतिशत ) और मध्यप्रदेश ( 45 प्रतिशत ) में भी अनाज का वितरण काफी धीमी रफ्तार से हो रहा है.


उत्तर प्रदेश में 96 प्रतिशत लोगों तक पहुंचा मुफ्त अनाज
वैसे इन राज्यों के उलट कई राज्य अपने राज्य के ज्यादातर लाभार्थियों तक अप्रैल महीने का मुफ्त राशन पहुंचाने में सफल रहे हैं. इसमें आंध्र प्रदेश 99 प्रतिशत वितरण के साथ अव्वल नम्बर पर रहा है. इसके अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ ( दोनों 98 प्रतिशत ) , उत्तर प्रदेश ( 96 प्रतिशत ) , त्रिपुरा ( 95 प्रतिशत ) और तमिलनाडु ( 94 प्रतिशत ) ने भी इस मामले में संतोषजनक सफलता पाई है. वहीं महाराष्ट्र ( 90 प्रतिशत ) , बिहार ( 87 प्रतिशत ) और गुजरात ( 80 प्रतिशत ) जैसे राज्य भी बहुत पीछे नहीं हैं.


राज्य के खाद्य सचिवों के साथ बैठक
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत वही लोग मुफ्त अनाज के हकदार हैं जो पहले से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी हैं. इन लाभार्थियों को पहले से ही 3 रुपए प्रति किलो चावल , 2 रुपए प्रति किलो गेहूं और 1 रुपए प्रति किलो की दर से अनाज सस्ती दर पर मिल रहा है. गरीब कल्याण योजना के तहत मिलने वाला अनाज अप्रैल से जून के बीच इसके अतिरिक्त देने का एलान किया गया है. इस योजना की समीक्षा के लिए बुधवार को केंद्रीय खाद्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के खाद्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.


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