(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली: नरेला क्वॉरन्टीन सेंटर में सेना तैनात, तब्लीगी जमात के 1200 सदस्यों को भी यहीं रखा गया
दिल्ली का नरेला क्वॉरन्टीन सेंटर देश का पहला ऐसा सेंटर है जहां सेना को तैनात किया गया है. सेना के डॉक्टर्स की टीम के साथ 'प्रोटेक्शन' यानि हथियारबंद सैनिक भी मौजूद हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के राजधानी दिल्ली में लगातार आ रहे मामलों से अब डॉक्टर्स की कमी होने लगी है. यही वजह है कि दिल्ली के नरेला क्वॉरन्टीन सेंटर में सेना के एक डॉक्टर्स की टीम को तैनात किया गया है. खास बीत है कि निजामुद्दीन से निकाले गए तबलीगी जमात के 1200 सदस्यों को भी इसी सेंटर में रखा गया है. ये देश का पहला ऐसा सिविल क्वॉरन्टीन सेंटर हैं जहां सेना की टीम तैनात की गई है.
जानकारी के मुताबिक, सेना की मेडिकल कोर के दो डॉक्टर्स और दो नर्सिंग स्टाफ को नरेला के इस क्वॉरन्टीन सेंटर में तैनात किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन ने डॉक्टर्स की कमी के चलते सेना से डॉक्टर्स की मांग की थी.
सेना के इन डॉक्टर्स की टीम के साथ 'प्रोटेक्शन' यानि हथियारबंद सैनिक भी मौजूद हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, ये सैनिक सेना के चार्टर का हिस्सा है कि जहां भी सैन्य अफसर ड्यूटी पर तैनात होंगे उनके साथ प्रोटेक्शन टीम जरूरी रहेगी. इसका निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के लोगों से कुछ लेना देना नहीं है.
हालांकि, पहले ऐसी रिपोर्ट जरूर आई थी कि तबलीगी जमात के सदस्यों ने नरेला स्थित कोरांटीन सेंटर के स्टाफ से बदसलूकी की है. लेकिन सूत्रों ने साफ किया कि तबलीगी जमीन के सदस्यों ने सेना की टीम से कोई बदसलूकी नहीं की है. कुल 1400 लोगों को यहां आईसोलेशन में रखा गया है.
नरेला सेंटर की सुरक्षा दिल्ली पुलिस और बीएसएफ के हवाले हैं. यहां खाली पड़े डीडीए फ्लैट्स को क्वॉरन्टीन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है. बड़ी तादाद में पुलिस और अर्द्धसैनिकबलों को यहां तैनात किया गया है.
देश का ये पहला सेंटर है जहां सेना के डॉक्टर्स को सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की मदद के लिए तैनात किया गया है. हालांकि देश के अलग अलग हिस्सों में पहले से ही छह क्वॉरन्टीन सेंटर चल रहे हैं. मानेसर, जोधपुर, जैसलमेर, हिंडन (गाजियाबाद), मुंबई और चेन्नई. मानेसर स्थित सेना का क्वॉरन्टीन सेंटर (और आईटीबीपी का छावला कैंप) देश का पहला आईसोलेशन सेंटर है जहां पहली बार चीन से लाए गए भारतीयों को रखा गया था. इन छह सेंटर्स में चीन, जापान, ईरान और इटली से लाए गए 1707 लोगों को रखा गया है जिनमें से 403 को डिस्चार्ज कर दिया गया है. इनमें से 20 लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इसके अलावा 15 अन्य सैन्य क्वॉरन्टीन सेंटर तैयार हैं, जहां लगभग 7000 लोगों को रखने की व्यवस्था है. ये हैं थलसेना के बबीना, झांसी, भोपाल, बारमेर, कोलकता और बीनागुड़ी, वायुसेना के देवलाली (महाराष्ट्र), कानपुर, गोरखपुर, भटिंडा, हैदाराबाद और आगरा. साथ ही नौसेना के कोच्चि, विशाखपटट्नम और चिल्का (ओडिसा) के आईसोलेशन सेंटर भी तैनात हैं.