केजरीवाल सरकार ने तय की सभी विभागों की डेडलाइन, 5 साल में 20 लाख रोजगार का दावा
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ में हमने अगले 5 साल में 20 लाख रोज़गार तैयार करने का लक्ष्य रखा है. ऐसा काम देश में पहली बार हो रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज (8 अप्रैल) दिल्ली सचिवालय में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. ‘रोजगार बजट’ को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय इस बैठक में सभी संबंधित अधिकारी अपनी प्रगति रिपोर्ट के साथ शामिल हुए और जिन क्षेत्रों में रोजगार पैदा किए जा सकते हैं, उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी.
सभी विभागों के लक्ष्य और टाइम लाइन निर्धारित
दरअसल 15 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में ‘रोजगार बजट’ पेश कर युवाओं को अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार देने का दावा किया है, जिसे लेकर आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक कर युवाओं को नई नौकरियां देने पर जोर दिया. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘रोजगार बजट’ में की गई घोषणाओं को हकीकत में तब्दील करने को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों को साथ मिलकर पूरी गंभीरता और समय सीमा के अंदर काम करने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली के ‘रोजगार बजट’ में हमने अगले 5 साल में 20 लाख रोज़गार तैयार करने का लक्ष्य रखा है. ऐसा काम देश में पहली बार हो रहा है. आज बैठक कर सभी विभागों के लक्ष्य और टाइम लाइन निर्धारित किए गए. सीएम केजरीवाल ने कहा कि, आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार ही है. लोगों के पास रोजगार नहीं है. जिस तरह आज पूरा देश शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-पानी को लेकर दिल्ली की तरफ़ देख रहा है. ठीक ऐसे ही हम रोज़गार का समाधान भी देंगे. वहीं मीटिंग में मौजूद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि, सभी विभागों के लिए एक समय सीमा निर्धारित की गई है. उस टाइम लाइन का सभी विभाग पालन करेंगे. किसी भी विभाग को तय समय सीमा को क्रॉस नहीं करना है. सभी विभागों के प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विभाग में फाइल प्रोसेसिंग और निर्णय सही और तेजी से लिए जाएं. मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगली समीक्षा बैठक में कोई पुराना बहाना नहीं चलेगा. अगर कोई काम नहीं हो पा रहा है, तो उसके लिए विभागों के प्रमुखों की जिम्मेदारी है कि उसे कराएं और आगे बढ़ाएं.
दिल्ली सरकार का रोजगार पर फोकस
वहीं, दिल्ली सरकार सभी विभागों के कामकाज पर नजर रखने के लिए रोजगार ऑडिट कराएगी. इसके अंतर्गत सरकारी विभागों के अंदर मौजूदा कर्मचारियों और नए रोजगार सृजन का रिकॉर्ड रखा जाएगा. उन पर निगरानी रखी जाएगी और ट्रैक करने के लिए एक ऐप भी तैयार की जायेगी. बीते 26 मार्च को उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में ‘रोजगार बजट’ प्रस्तुत करते हुए अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार तैयार करने का पूरा खाका देश के सामने रखा था. ‘रोजगार बजट’ में बताया गया है कि दिल्ली की दो करोड़ से अधिक आबादी में से एक करोड़ 68 लाख लोग ऐसे हैं, जो नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं. इन 1.68 करोड़ लोगों में से मौजूदा समय में केवल एक तिहाई लोग ही हैं, जिनके पास नौकरी है. बाकी लोगों के पास नौकरी नहीं है. नौकरी लेने के लिए कुल समक्ष लोगों में 33 फीसद लोगों के पास नौकरी है. दिल्ली सरकार का दावा है कि वो अगले पांच साल में इस आंकड़े को बढ़ाकर 45 फीसद तक लेकर जाना चाहती है. मतलब अगले पांच साल में इसमें करीब 12 फीसद तक की वृद्धि की जाएगी. इसका मतलब यह है कि मौजूदा समय में दिल्ली में 56 लाख लोगों के पास नौकरी है, इसे 76 लाख तक लेकर जाने का दावा केजरीवाल सरकार कर रही है.
इन सेक्टरों में पैदा होंगीं नौकरियां
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अगले पांच साल में 20 लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की है. इसके लिए कई सेक्टर चिन्हित किए गए हैं. इन में रिटेल सेक्टर, फूड एंड वेबरीज सेक्टर, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन, ट्रैवेल एंड टूरिज्म, इंटरटेनमेंट, कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट, ग्रीन एनर्जी सेक्टर जैसे कई और सेक्टर भी शामिल हैं. सरकार की तरफ से हर एक सेक्टर की बहुत ही विस्तार से प्लानिंग की गई है. मसलन, दिल्ली के प्रसिद्ध और पारंपरिक पांच मार्केट चिन्हित किए गए हैं. इन मार्केट को पूरा पुनर्विकसित किया जाएगा, जिससे वहां बड़े स्तर पर कारोबार बढ़ाने की तैयारी है. इसके अलावा, दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल लगाया जाएगा. जिसमें पूरे देश और दुनिया भर से टूरिस्ट दिल्ली आ सकेंगे. सरकार का मानना है कि इससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी.
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