नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly election 2020) के मद्देनजर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. आज केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जनता को झांसा सिर्फ एक बार दिया जा सकता है, बार-बार नहीं और एक बार केजरीवाल ने झांसा दे दिया है.


अमित शाह के इस बयान पर आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगा वो हमारे कामों की कमियां बताएंगे और दिल्ली के विकास की बात करेंगे. लेकिन उन्होंने मुझे गाली देने के अलावा कुछ नहीं कहा.


केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''मैंने गृह मंत्री, श्री अमित शाह जी का पूरा भाषण सुना. मुझे लगा वो हमारे कामों की कमियां बताएंगे और दिल्ली के विकास की बात करेंगे. लेकिन उन्होंने मुझे गाली देने के अलावा कुछ नहीं कहा. दिल्ली के लिए उनके पास सुझाव हैं तो बताएं, हम अच्छे सुझावों को अगले 5 साल में लागू करेंगे.''






अमित शाह ने क्या-क्या कहा?
बीजेपी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि हमने कहा था कि दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करेंगे और नरेन्द्र मोदी जी ने अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने की शुरुआत कर दी है .


उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी अखबारों में अपनी फोटो वाले विज्ञापन देकर बधाई देने की बजाए यह बताएं कि उन्होंने कौन सा काम पूरा कर लिया है .


शाह ने सवाल किया कि दिल्ली में 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगने थे, लेकिन नहीं लगे. अनुबंधित शिक्षकों-कर्मचारियों को पक्का करना था, वो नहीं किया. और हम जो देना चाहते थे उसमें भी केजरीवाल रुकावट बने हैं. दिल्ली की जनता अब इन्हें जान चुकी है.


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उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में 20 कॉलेज बनाने, 5000 से ज्यादा स्कूल बनाने का वादा किया था लेकिन ये वादा पूरा नहीं हुआ . शाह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने हर पीड़ित को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया और दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे डालने का काम किया है .


उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, ‘‘बीजेपी को चुनाव सभाओं से नहीं लड़ना है, बल्कि घर-घर जाकर लड़ना है. मोहल्ला मीटिंग करके लड़ना है. इस मोहल्ला मीटिंग की शुरुआत मैं ही करने जा रहा हूं और पार्टी कार्यकर्ताओं को दिल्ली में घर-घर जाकर हमारी नीतियां जनता तक पहुंचाना है.’’


दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर फरवरी में चुनाव होने की संभावना है. 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी.


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