Delhi Assembly Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बड़ी जीत के संकेत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा - "और लड़ो". उनके इस बयान को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच मतभेदों की ओर इशारा माना जा रहा है.
जब भाजपा ने दिल्ली की 70 में से लगभग 50 सीटों पर बढ़त बनाई तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक जीआईएफ (GIF) शेयर किया जिसमें लिखा था - "और लड़ो, जी भर के लड़ो, समाप्त कर दो एक-दूसरे को". इस पोस्ट के जरिए उन्होंने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर व्यंग्य कसा कि उनकी आपसी लड़ाई का ही फायदा भाजपा को मिला है. उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा - "और लड़ो आपस में".
AAP-कांग्रेस की तकरार का बीजेपी को फायदा!
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया. इस दौरान दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे और भाजपा की 'बी-टीम' होने तक के आरोप लगाए गए. ये मतभेद भी विपक्ष की हार का एक बड़ी वजह मानी जा रही है.
हरियाणा में गठबंधन न करने से कांग्रेस को नुकसान
हरियाणा में भी कांग्रेस को करारी हार मिली जहां भाजपा 2014 से सत्ता में थी और एंटी-इन्कंबेंसी (विरोधी लहर) के बावजूद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. माना जाता है कि कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन न होने से कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हुआ. चुनावी विश्लेषकों के अनुसार AAP ने कांग्रेस के संभावित वोटों में सेंध लगाई जिससे भाजपा को फायदा हुआ.
INDIA गठबंधन पर भी उठाए सवाल
दिल्ली चुनाव में अलग-अलग लड़ने के फैसले को लेकर उमर अब्दुल्ला पहले भी सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि INDIA गठबंधन का कोई स्पष्ट नेतृत्व या एजेंडा नहीं है और यदि ये केवल लोकसभा चुनावों के लिए बनाया गया था तो इसे भंग कर देना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस को यह नहीं मान लेना चाहिए कि वह स्वाभाविक रूप से इस गठबंधन का नेतृत्व करेगी.
हरियाणा और महाराष्ट्र में हार के बाद कांग्रेस सहयोगी दलों की आलोचना झेल रही है. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी INDIA गठबंधन के नेतृत्व की दावेदारी पेश कर चुकी हैं और उन्हें कुछ दलों का समर्थन भी मिल रहा है. उमर अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि कांग्रेस को अपने नेतृत्व को सिद्ध करने और मजबूत करने के लिए और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है.