Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली चुनाव की अपनी पहली रैली के लिए मुस्लिम बहुल इलाके में पहुंचे राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल की तुलना नरेंद्र मोदी से करते हुए कहा कि दोनों में कोई फर्क नहीं है, मोदी की तरह केजरीवाल भी झूठे वादे और प्रचार करते हैं. राहुल गांधी ने पूछा कि केजरीवाल उद्योगपति अडानी और जाति जनगणना का मुद्दा क्यों नहीं उठाते?
उत्तरपूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली की शुरुआत में तो राहुल गांधी ने संविधान के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला लेकिन इसके बाद उन्होंने मंहगाई, विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया और शीला दीक्षित के समय वाली दिल्ली की याद लोगों को दिलाई.
कांग्रेस की दलित और मुस्लिम वोट बैंक पर नजर
इस रैली के ज़रिए कांग्रेस ने दलित और मुस्लिम समीकरण साधने की कोशिश की है. रैली की थीम में संविधान और आंबेडकर थे और जगह मुस्लिम बहुल थी. दिल्ली में ये दोनों वर्ग कांग्रेस का स्थाई वोट बैंक हुआ करते थे जो अब आम आदमी पार्टी में शिफ्ट हो गया है.
इसी वर्ग को दुबारा साधने की कोशिश के तौर पर राहुल गांधी ने मुस्लिम बहुल इलाके में केजरीवाल और मोदी एक जैसा बताया और जाति जनगणना के मुद्दे दोनों की चुप्पी पर सवाल उठाए.
सीलमपुर और अन्य मुस्लिम बहुल सीटें
उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीलमपुर और मुस्तफाबाद मुस्लिम बहुल सीट है. इसके अलावा बाबरपुर, सीमापुरी, गोकलपुरी, करावल नगर, घोंडा जैसी सीटों पर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम और दलित आबादी रहती है.
ये इलाका पांच साल पहले दंगे की चपेट में आया था. यहां राहुल गांधी ज़ोर देकर कहा कि हम बीजेपी –आरएसएस के खिलाफ हैं , पहले थे और ज़िंदगी भर रहेंगे.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार
पूरी दिल्ली में कांग्रेस ने इस बार सात सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है जबकि आम आदमी पार्टी ने पांच. राहुल गांधी ने मुस्लिम बहुल इलाक़े से चुनावी बिगुल फूंक कर आम आदमी पार्टी की चुनौती बढ़ा दी है. इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी भी मुस्लिम बहुल सीटों पर बड़ा दांव लगा रही है. मुस्लिम वोटर में सेंध लगी तो केजरीवाल के लिए वापसी कर पाना आसान नहीं होगा.
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