दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के सीएम उम्मीदवार पर अभी फैसला नहीं- प्रकाश जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली बीजेपी के प्रभारी हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होगा, इसपर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होगा इसपर सबकी नजरें टिकी हैं. आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अभी इस विषय में कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जब भी इस मुद्दे पर फैसला होगा, इसका एलान कर दिया जाएगा.
बता दें कि प्रकाश जावड़ेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली बीजेपी के प्रभारी नियुक्त हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जावड़ेकर ने दावा किया कि इस बार बीजेपी जनता को नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां बताएगी और राज्य में जीत दर्ज करेगी. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली की कुल 70 सीटों में से बीजेपी ने तीन सीटें जीती थीं. बाकी 67 सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में गई थी.
इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ''दिल्ली जैसे शांत शहर में नागरिकता कानून को लेकर जानबूझकर अल्पसंख्यकों के मन में भ्रम पैदा कर अशांति का माहौल पैदा किया गया व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया उसके लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. इनको दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए.''
अमानतुल्ला ने अपने बयान में कहा, ‘CAA से मुसलमानों की दाढ़ी-टोपी और बुर्का बैन होगा, मस्जिदों से माइक उतरवाए जाएंगे।‘ इन बातों का इस कानून से क्या संबंध है। ये तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है@AamAadmiParty pic.twitter.com/f6veXOtoDZ
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 1, 2020
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कानून देश में आये शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला कानून है देश भर में एक भ्रम फैलाया गया जैसे मुसलमानों की कोई नागरिकता छीन रहा है देश में शांति है लोगो को सच समझने लगा है. जो दिल्ली में हुआ मेने नाम भी बताये जामिया, सीलमपुर और जामामस्जिद के पास उनको को हम माफ़ नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि अमानतुल्ला खान ने अपने बयान में कहा कि सीएए से मुसलमानों की दाढ़ी-टोपी और बुर्का बैन होगा, मस्जिदों से माइक उतरवाए जाएंगे. इन बातों का इस कानून से क्या संबंध है. ये तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है.
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