नई दिल्ली: प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली वासियों पर कुछ फर्क नहीं पड़ा. हर बार की तरह इस बार भी जमकर आतिशबाजी हुई. आंकड़े बताते हैं कि दिवाली की रात प्रतिबंधित पटाखों को जलाने के चलते दिल्ली पुलिस को कुल 940 पीसीआर कॉल मिलीं. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई करते हुए कुल 315 मुकदमे दर्ज कर 166 लोगों को गिरफ्तार भी किया.


दिल्ली पुलिस की सख्ती के बावजूद खूब बिके प्रतिबंधित पटाखे


इस बार दिल्ली पुलिस ने पहले से ही सख्ती की हुई थी. हर बार के मुकाबले पटाखे बेचने के लाइसेंस भी सिर्फ पिछले साल के मुकाबले 20 परसेंट दुकानदारों को दिए गए. जहां भी सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचने की इजाजत थी. बावजूद इसके प्रतिबंधित पटाखे जमकर बेचे गए और जलाए भी गए. दीवाली की रात पुलिस ने प्रतिबंधित पटाखे बेचने के आरोप में एक्सप्लोसिव एक्ट में 56 मुकदमे दर्ज कर 44 लोगों की गिरफ्तारी की. जिसमें 9758 किलो पटाखे जब्त किए गए.


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एक बार फिर दिल्ली की फिजा बनी जहरीली


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते पॉल्युशन के चलते पॉल्यूशन फैलाने वाले पटाखों पर बैन लगाया हुआ है. जिसके लिए सरकार ने भी काम किया. फिर बाजार में कम पॉल्युशन फैलाने वाले ग्रीन पटाखे बिकने लगे. हांलाकि इनकी बाजार में उपलब्धता और वैरायटी बहुत कम थीं. इसके बाद ये अंदेशा था कि प्रतिबंधित पटाखे भी लोग जला सकते हैं. इसी के चलते पुलिस लगातार पटाखे बेचने वालो के छापे मारी कर रही थी. लेकिन शायद पुलिस की ये सख्ती धरी की धरी रह गयी. एक बार फिर दिल्ली की आबो-हवा जहरीली हो गई है.


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