BJP Attack On AAP for DTC Buses: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Delhi BJP Chief Aadesh Gupta) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Transport Minister Kailash Gehlote) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) को पत्र लिखकर DTC बस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की. आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जो कभी आम आदमी की बात करते थे आज उनके लिए आम लोगों के जान की कीमत पानी से भी सस्ती हो गई है. इसलिए 5000 करोड़ रुपये के बजट वाला डीटीसी परिवहन निगम आज बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है. डीटीसी जो बस के माध्यम से सुविधाएं देता था, आज लोगों की जान ले रहा है.
डीटीसी आज पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. आदेश गुप्ता ने बर्बाद होती डीटीसी में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को देखते हुए इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए गृहमंत्री श्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. इसके साथ ही आदेश गुप्ता ने डीटीसी बसों में बार बार लग रही आग पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने के अंदर छह डीटीसी बसे धू-धू कर जल गई और यह दिल्ली सरकार की बर्बादी की कहानी बयां कर रही है. केजरीवाल के सत्ता में आने से पहले डीटीसी 6200 बसे थीं जो आज घटकर 3700 रह गई हैं. जबकि दिल्ली की आबादी में पिछले सात सालों में 20 से 25 लाख का इजाफा हुआ है.
जानलेवा बन गई हैं डीटीसी की बसें
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने खुद कोर्ट में हलफनामा पेश कर कहा था कि दिल्ली में 11000 बसों की जरुरत है. आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में भी कहा था कि उनकी सरकार आते ही 11000 बसें लेकर आएंगे. उन 11000 बसों का आज भी जनता को इंतजार है. आदेश गुप्ता ने कहा कि आज डीटीसी की बसें जीती जागती जानलेवा बन गई है. केजरीवाल सरकार ने जिन बसों की उम्र समाप्त हो गई है, उन 1000 बसों को 500 करोड़ रुपये मेंटनेंस के लिए एग्रीमेंट किया, यानि जिन बसों की उम्र समाप्त हो गई है उनके मरम्मत पर 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष केजरीवाल सरकार पानी की तरह पैसे बहाने का एग्रीमेंट किया हुआ है.
99 फीसदी बसें 12 साल से ज्यादा पुरानी
उन्होंने कहा कि एक बस की उम्र सीमा 8 से 12 सालों की होती है और आज दिल्ली के अंदर 99 फीसदी बसों की उम्र सीमा 12 साल के पार हो चुकी है. आज डीटीसी के अंदर 32 बसे 12 साल पुरानी है जबकि 3700 बसें 10 से 12 साल पुरानी है. यानि उम्र सीमा को पार कर चुकी बसों को दिल्ली की सड़कों पर चलाकर केजरीवाल लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. दिल्ली परिवहन निगम में जो कुछ भी हो रहा है वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की मिली भगत है. ना ही किसी बस की मरम्मत हो रही है और ना ही कोई सुधार किया जा रहा है. क्योंकि मियाद खत्म हुई बसों की मरम्मत नहीं हो सकती है और अगर होती तो शायद ये बसें बीच सड़क पर जलती नहीं दिखाई देती. उन्होंने कहा कि पुरानी बसों की मरम्मत पर खर्च होने वाले पैसों में भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.
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