Delhi BJP MP On Arvind Kejriwal: दिल्ली बीजेपी के सांसदों ने रविवार (21 मई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला. सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कहा कि जो-जो अरविंद केजरीवाल से सटा है. उसका कद घटा है. अरविंद केजरीवाल सबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं. जिन लोगों को केजरीवाल कभी भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति मानते थे आज उन्हीं के साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं. लोगों को समझ आ गया है कि दूसरों को भ्रष्टाचारी बताने वाले अरविंद केजरीवाल खुद सबसे बड़े भ्रष्टाचारी निकले.
तिवारी ने कहा कि किसी ने पूछा कि आप जिन पर आरोप लगाते थे उनसे क्यों मिल रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि अभी मोदी-शाह को हराना है. केजरीवाल ने कहा यही हमारी प्राथमिकता है. अभी-अभी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव इनसे मिलकर गए हैं. जिस व्यक्ति के कुछ कहने का कोई मतलब नहीं रहे वो किसी भी पद पर कितना खतरनाक साबित होता है. कर्नाटक चुनाव में केजरीवाल को देख कर हंसी आई.
"ये दिल्ली का दुर्भाग्य है"
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद हर्षवर्धन ने कहा कि ये दिल्ली का दुर्भाग्य है. मैंने दिल्ली में चार सीएम को देखा. बीस साल को खंगाल कर देखा कि यही कानून था. उसी आधार पर सरकारें चलीं, लेकिन ये नहीं याद आता कि सीएम और एलजी के बीच इस प्रकार की कोई बातचीत हुई हो. एक दूसरे के प्रति आदर होता था. किस मंत्रालय में कौन अफसर रहेगा इस पर झगड़ा नहीं हुआ. ये सब केजरीवाल के आने से पहले तक था.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आते ही अरविंद केजरीवाल ने उन अधिकारियों जो कि दिल्ली सरकार की ओर से किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर रहे थे उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. अरविंद केजरीवाल ने राजनीति का स्तर गिरा दिया है और उनका व्यवहार बहुत ही निम्न स्तर का है.
केंद्र और आप में क्यों ठनी?
दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) और केंद्र सरकार के बीच एक अध्यादेश को लेकर फिर से ठन गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़कर सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. केंद्र ने अब कोर्ट के इस फैसले को पलट दिया है. इसी को लेकर केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश के जरिये अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को दिए गए हैं.
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