पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दी सत्येंद्र जैन के घर का पानी का कनेक्शन काटने की चेतावनी
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. ऐसे में मंत्रियों का पानी कटेगा तो उन्हें एहसास होगा कि पानी न मिलने से क्या दिक्कत होती है.
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये दिल्ली में पानी संकट के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए चेतावनी दी है कि अगर अगले 48 घंटों में पानी की सप्लाई में सुधार नहीं हुआ तो बीजेपी कार्यकर्ता पानी को लेकर बड़ा जन आंदोलन छेड़ेंगे और जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येन्द्र जैन के निवास का पानी कनेक्शन काट देंगे.
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. ऐसे में मंत्रियों का पानी कटेगा तो उन्हें एहसास होगा कि पानी न मिलने से क्या दिक्कत होती है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की कॉलोनियों में पाइप से पानी इसलिए नहीं दिया जा रहा है ताकि टैंकर माफिया फलता-फूलता रहे. टैंकर माफिया को खत्म करने का वादा कर सत्ता में आने वाली केजरीवाल सरकार अब माफियाओं के साथ सांठगांठ कर कमाई में जुट गई है. केजरीवाल सरकार की गलत और भ्रष्टाचारी नीतियों के कारण कभी 800 करोड़ रुपये के फायदें में चलने वाले दिल्ली जल बोर्ड को कंगाली के कगार पर ला दिया है. दिल्ली सरकार ने बोर्ड को गत वर्षों में 57 हज़ार करोड़ रुपया दिया है, लेकिन इसमें से 26 हज़ार करोड़ रुपये का कोई हिसाब ही उपलब्ध नहीं है.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हर पार्टी और व्यक्ति को अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के लिए काम करने और कहीं भी जाने का अधिकार है. लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों का उस दिल्ली की जनता के प्रति पहली जिम्मेदारी है, जिसने उन्हें सत्ता तक पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि दिल्ली के 100 से अधिक इलाकों में लाखों लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और अनेक क्षेत्रों में लोग पानी खरीदकर काम चला रहे हैं. ऐसी स्थिति में बीजेपी एक मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती है और उसके कार्यकर्ता हर क्षेत्र के गली-कूचे में उतरकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाएंगे.
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल की हिमाचल से पानी लाने की योजना भी कागजों पर कहां गुम है. उसे ढूंढना होगा और रैनी वैल लगने, यमुना के किनारे भूमिगत जलाशय बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब बनाकर पानी एकत्र कर उसका उपयोग करने की घोषित योजनाओं पर कोई अमल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार आने के समय जो 950 एम.जी.डी. पानी का उत्पादन हो रहा था, उसमें एक भी एम.जी.डी. पानी बढ़ा नहीं जबकि मांग 1250 एम.जी.डी. हो चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में वितरीत जल की गुणवत्ता इतनी खराब है कि लोगों को लीवर और गुर्दे की बीमारियों के साथ कैंसर भी हो रहा है.