'बाजारों के रीडेवलपमेंट के लिए 100 करोड़ हैं कम', दिल्ली बजट पर चांदनी चौक मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कही ये बात
दिल्ली के बाजारों और उससे जुड़े रोजगार के बजट बारे में जिक्र करते हुए मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जो 4 से 6 हफ्ते का फेस्टिवल होगा.
Delhi Budget: दिल्ली विधानसभा में आज यानी शुक्रवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने साल 2022- 2023 का बजट पेश किया. इस बार का बजट 75800 करोड़ रुपये का है. इसमें दिल्ली के बाजारों और उससे जुड़े रोजगार के बजट बारे में जिक्र करते हुए मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जो 4 से 6 हफ्ते का फेस्टिवल होगा. दिल्ली में 3 मुख्य आकर्षण होंगे जो शॉपिंग, फूड, एंटरटेनमेंट रहेगा, जिससे 12 लाख लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा.
मनीष सिसोदिया ने आज बजट के दौरान जब दिल्ली के बाजारों की बात शुरू की, तो उन्होंने चीन का उदहारण देते हुए कहा कि चीन होल सेल शॉपिंग को बहुत प्रोमोट करता है और अब चीन के सामान के आगे दिल्ली का सामान अपनी जगह बनाएगा, गांधी नगर, एशिया का सबसे बड़ा रेडीमेड गारमेंट है. रोज का टर्न ओवर 100 करोड़ है. इसे ग्रेट गारमेंट के रूप में विकसित किया जाएगा और व्होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल के लिए 250 करोड़ और 100 करोड़ 5 बाजारों के री-डेवलपमेंट के लिए प्रस्तावित किए.
'चांदनी चौक में100 करोड़ चुके, अभी काम पूरा नहीं हुआ'
इस प्रोजेक्ट के बारे में जब दिल्ली के चांदनी चौक मार्केट एसोसिएशन प्रेसिडेंट संजय भार्गव से बात की, जिन्होंने इस बजट पर कहा कि यह बजट अच्छा है और बाजारों को लेकर जो पहल है वह भी अच्छी है, लेकिन अगर चांदनी चौक की ही बात करें, तो 100 करोड़ रुपये इसमें लग चुके हैं, लेकिन अभी इसका काम पूरा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, "इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने की अभी सब जगह बहुत ज्यादा जरुरत है. 100 करोड़ का बजट जो सिर्फ और सिर्फ बाजारों के लिए है, वह कम है. महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट हो, पार्किंग फैसिलिटी हो, यह सब मार्केट में बहुत जरूरी है, लेकिन अभी तक इसमें से किसी पर भी काम नहीं हुआ है. लोगों को परेशानी होती है."
'इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने से बाजारों में ग्राहक भी आएंगे'
उन्होंने कहा, "व्यापारी तभी खुश होगा, जब इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने से बाजारों में ग्राहक भी आएंगे और व्यापार भी बढ़ेगा. इस वक्त व्यापारी के लिए सबसे बड़ी चीज जीएसटी है, जो केंद्र सरकार के हाथ में है. दिल्ली सरकार के हाथ में इंफ्रास्ट्रक्चर है और उसी पर सही से काम करे, तो उससे भी व्यापारी बहुत खुश हो जाएंगे."
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