दिल्ली: सब्जी मंडी में इमारत गिरने के हादसे में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज, दो बच्चों की हुई थी मौत
रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग 9 घंटे तक चला. रात लगभग 8:30 बजे एनडीआरएफ की टीम लौट गई. इस हादसे में पुलिस ने आधिकारिक तौर पर दो बच्चों की मौत होने की बात कही है.
नई दिल्ली: सब्जी मंडी इलाके में इमारत गिरने की घटना के मामले में दिल्ली पुलिस के सामने दो नाम आये हैं. मोहक अरोड़ा और जमील. पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में पता चला है मोहक अरोड़ा दुकान के अंदर कंस्ट्रक्शन करवा रहा था और ठेका जमील को दिया था.
पुलिस का कहना है कि इस बाबा सब्जी मंडी थाने में आईपीसी की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जांच की जा रही है. वहीं दूसरी ओर इमारत गिरने के रेस्क्यू ऑपरेशन की बात करें तो ये रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग 9 घंटे तक चला. रात लगभग 8:30 बजे एनडीआरएफ की टीम लौट गई. इस हादसे में पुलिस ने आधिकारिक तौर पर दो बच्चों की मौत होने की बात कही है.
किसने क्या कहा?
डीसीपी नार्थ एन्टो अल्फोन्स ने कहा, ''इस मामले में आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है. कंस्ट्रक्शन कौन करवा रहा था, क्या करवा रहा था, सब जांच का विषय है. कंस्ट्रक्शन करवाने वाले का नाम पता चला है, जांच चल रही है. इस हादसे में 2 बच्चों की मौत हुई है. अभी मलबा निकाला गया है. कोई और उसके अंदर से नहीं निकला है.''
नार्थ एमसीडी कमिश्नर संजय गोयल ने कहा, ''नार्थ एमसीडी के अधिकारियों से जो बात हुई है, उसके मुताबिक यहां पर बाहर से कोई काम नहीं चल रहा था. अगर अंदर कोई काम चल रहा था, तो उसका पता चल जाएगा. हर मॉनसून से पहले पुरानी इमारतों का सर्वे करवाया जाता है.''
उन्होंने कहा, "पूरी नार्थ एमसीडी में 1000 से ज्यादा बिल्डिंग हैं, जिन्हें डेंजर घोषित किया गया है. जो बिल्डिंग गिरी है, वह जिस लाइन में उस लाइन में भी कई बिल्डिंग खतरनाक घोषित कर चुके हैं. अब ऐसी खतरनाक इमारतों को जल्द से जल्द खाली कराया जाएगा. इस मामले में जांच कराई जाएगी, जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''
एनडीआरएफ के अस्सिस्टेंट कमांडेंट श्रीनिवास ने कहा, ''एनडीआरएफ के कंट्रोल रूम को दोपहर 12:30 बजे इस घटना की सूचना मिली थी. जिसके बाद हमारी 2 टीमें यहां पहुंची हैं. हमारे पास जो भी अत्याधुनिक मशीनें हैं, उनसे काम किया जा रहा है. अभी तक 2 बच्चों और 1 व्यक्ति को बाहर निकाला जा चुका है. हमने अपनी कैनाइन(कुत्तों) टीम को भी मौके पर बुलाया था, ताकि मलबे अंदर अगर कोई व्यक्ति दबा हो तो उसका पता चल सके.''
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मौके का मुआयना करने पर पता चला है कि ये 50 गज की इमारत थी, जिसके ग्राउंड फ्लोर पर एक दुकान थी और ऊपर दो फ्लोर पर रिहाईश. पता चला है कि आज सुबह दुकान के अंदर कटर से कुछ काम चल रहा था, तभी ये हादसा हो गया. 15 दिन पहले ही इस बिल्डिंग को लेकर शिकायत की गई थी. हमारी निगम पार्षद ने 15 दिन पहले ही एमसीडी को लिखित में शिकायत की थी इस बिल्डिंग को लेकर. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
नार्थ एमसीडी के पूर्व मेयर जय प्रकाश जेपी ने कहा, ''अभी प्राथमिकता बचाव कार्य होना चाहिए. आरोप प्रत्यारोप बाद में भी लगाए जा सकते हैं. हर मानसून से पहले बिल्डिंगों का सर्वे होता है. यहां पर जो हादसा हुआ है, उसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.''
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