Delhi Building Collapse: राजधानी दिल्ली के सत्य निकेतन इलाके में एक तीन मंजिला मकान ढह जाने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि 4 घायल हो गए. मकान जर्जर अवस्था में था जिसमें मरम्मत का काम कराया जा रहा था. हालांकि स्थानीय निगम पार्षद मनीष अग्रवाल का दावा है कि मकान में किसी भी प्रकार की कंस्ट्रक्शन करने की मनाही थी और इस संबंध में एमसीडी की तरफ से नोटिस भी चस्पा कर दिया गया था, जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को भी दे दी गई थी. 


उसके बावजूद काम चलता रहा और उसका नतीजा यह रहा कि आज हादसा हो गया. इमारत ढहने से मलबे में फंसे जो लोग हैं, वे सभी मजदूर हैं जो यहां पर काम कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और इस संबंध में एफआईआर दर्ज की जाएगी. इस मामले में मकान मालिक या ठेकेदार जिसकी भी लापरवाही पाई जाती है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


क्या है मामला


डीसीपी साउथ वेस्ट मनोज सी का कहना है कि आज दोपहर लगभग 1:25 पर एक पीसीआर कॉल मिली थी जिसमें बताया गया कि मकान संख्या 173 सत्य निकेतन जो 3 मंजिला इमारत है, वह गिर गई है. पीसीआर कॉल मिलने के बाद दिल्ली पुलिस के साथ-साथ फायर, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसी की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई.


मलबे से 6 लोगों को बाहर निकाला गया, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया. इन छह में से दो की मृत्यु हो गई, जबकि 4 घायल हैं. उनका उपचार चल रहा है. पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि मकान में रिनोवेशन का काम चल रहा था. फिलहाल मामले की जांच जारी है.


जर्जर बिल्डिंग में चल रही थी रेनोवेशन


सत्य निकेतन में जो मकान भरभरा कर ढह गया, वह जर्जर हालत में बताया जा रहा है. स्थानीय निगम पार्षद मनीष अग्रवाल का कहना है कि 31 मार्च को एमसीडी की तरफ से इस मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया गया था. 


जिसमें इसे खतरनाक घोषित किया गया था और इस मकान को खाली करने की हिदायत दी गई थी. मकान तो खाली हो गया था, लेकिन इसमें रिनोवेशन का काम चल रहा था. उस काम को भी रुकवाया गया था और पुलिस को भी इस मामले की जानकारी दे दी गई थी. इसके बावजूद यह काम नहीं रुका और आज ये हादसा हो गया.


साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाले गए मलबे में फंसे मजदूर


सत्य निकेतन में मकान ढहने के हादसे में फंसे सभी मजदूरों को लगभग 3:30 घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से बाहर निकाला गया. इन सभी को बाहर निकालने के लिए गिरे हुए लेंटर में ड्रिल मशीन से दो जगहों पर छेद किया गया और फिर एक बड़ा सा रास्ता तैयार करते हुए, उसी से सभी मजदूरों को बाहर निकाला गया. इस काम में दिल्ली फायर सर्विस और एनडीआरएफ की टीमों ने काफी अहम भूमिका निभाई.


लंच के समय हुआ हादसा


पुलिस और एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूर एक ही जगह पर मौजूद थे और एक दूसरे के ऊपर मलबे के नीचे दबे हुए थे. क्योंकि हादसा दोपहर लगभग 1:30 बजे के आसपास हुआ है और यह लंच का समय था. माना जा रहा है कि सभी साथ बैठकर किचन में लंच कर रहे थे और अचानक ये हादसा हो गया.


आप और बीजेपी  ने लगाये एक दूसरे पर आरोप


आम आदमी पार्टी की विधायक प्रमिला टोकस ने मौके पर पहुंच कर आरोप लगाया कि जो बिल्डिंग गिरी है वो बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल शर्मा के रिश्तेदार की है और इसी वजह से इस निर्माण पर कोई लगाम नहीं गयी.


वहीं अनिल शर्मा ने कहा कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप गलत और बेबुनियाद हैं. ये बिल्डिंग न तो मेरी है और न ही मेरे किसी रिश्तेदार की. मैंने अपने कजिन बॉबी से भी वेरीफाई कर लिया है. मैं अपने वकीलों से सलाह ले रहा हूं कि प्रमिला टोकस के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जा सके.


 इस हादसे में जो मरीज घायल हुए हैं उनके नाम निम्नलिखित हैं...



  1. मोहम्मद फिरदौस  घायल

  2. आलम (17) घायल

  3. बिलाल (40) मृत

  4. सरफराज (25) घायल 

  5. नसीम (35) मृत

  6. मुसाहिद (19) घायल


वहीं, इस घटना पर दुख जताते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि ये हादसा बेहद दुखद है. जिला प्रशासन राहत और बचाव के काम में जुटा है. मैं खुद घटना से संबंधित हर जानकारी ले रहा हूं.


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