नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी में एक साथ 11 मौतें होने के बाद से इलाके के लोगों में खौफ पैदा हो गया है. यहां लोग गली से गुजरने में भी डर रहे हैं. भाटिया परिवार के बारे में लोगों का कहना है कि ये बेहद ही मिलनसार और अच्छा परिवार था. इस परिवार में रहने वाले बच्चे बगल के ही एक स्कूल में पढ़ते थे. लेकिन अब साथ पढ़ने वाले बच्चों के मन में भी खौफ बैठ गया है.


 जमीन को माथे से लगाकर जा रहे हैं लोग


इलाके में लोगों के अंदर डर का क्या आलम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गली के अंदर जाने से पहले डर के चलते लोग जमीन को माथे से लगाकर जा रहे हैं. दरअसल इतने बड़े हादसे के बाद लोगों के मन में खौफ के साथ-साथ अंधविश्वास ने भी घर कर लिया है.


बुराड़ी मामला: आज आ सकती है फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट, साइकोलॉजिकल अटॉप्सी कराने की तैयारी में पुलिस


हादसे की रात उन 11 मौतों के अलावा भी बुराड़ी इलाके में बहुत कुछ बदल गया है. लोग अब अपने घरों से निकलने में डरते हैं. पूरे माहौल में डर और अंधविश्वास का साया है.


आज आ सकती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट


इस मामले में फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आज आ सकती है. पुलिस अंतिम पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. वह शवों के विसरा को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं मृतकों को जहर तो नहीं दिया गया था. शुरुआती ऑटोप्सी रिपोर्ट में कहा गया था कि सभी 11 लोगों की मौत रस्सी से लटकने के कारण हुई और उनके शरीर पर संघर्ष या चोट के कोई निशान नहीं थे.


बुराड़ी केस: परिवार ने खुद खरीदा मौत का सारा सामान, बच्चे लाए थे फांसी के लिए तार...पढ़ें, कब क्या हुआ


साइकोलॉजिकल अटॉप्सी की तैयारी में पुलिस


दिल्ली पुलिस इस केस में साइकोलॉजिकल अटॉप्सी यानी मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम करवाने की तैयारी कर रही है. भारत में इस तरह की वैज्ञानिक जांच बहुत कम मामलों में की गई है. साइकोलॉजिकल अटॉप्सी आत्महत्या के मामलों में किया जाता है. इस तरह की फारेंसिक जांच के पीछे जांचकर्ताओं का मकसद आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के दिमाग के अन्दर के तथ्यों का पता लगाना होता है.


इस तरह के पोस्टमॉर्टम में आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के शरीर की ज़रुरत नहीं होती, उसकी क्लीनिकल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के तथ्यों को इसमें शामिल किया जाता है. मरने वाले के सामाजिक जीवन से जुड़े लोगों से जांचकर्ता पूछताछ करते हैं, और मरने वाले के आखिरी घंटों में उसके दिमाग में चलने वाले तूफान की स्थिति का अंदाज़ा लगाते हैं.