नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में देश की ताकत तो दिखाई पड़ेगी ही साथ ही कैप्टन तानिया शेरगिल का भी खास आकर्षण हैं. हालांकि महिला ऑफिसर पहले भी गणतंत्र दिवस परेड में मार्चपास्ट में शामिल हुई हैं, लेकिन चौथी पीढ़ी की सैन्य अधिकारी होने के चलते वे देशभर में चर्चा का विषय बन गई हैं.


थलसेना की सिग्नल कोर कमांड की अधिकारी तान्या शेरगिल राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर 147 जवानों वाले पुरुष कंटीजेंट का नेतृत्व करेंगी. देश तान्या शेरगिल की चर्चा कर रहा है. साल 2020 में ये दूसरा मौका है जब तान्या को सैन्य परेड का नेतृत्व करने का मौका मिल रहा है. इसी साल 15 जनवरी को आर्मी डे के मौके पर तान्या शेरगिल ने पुरुष कंटीजेंट को लीड करने का गौरव अपने नाम किया था और ये पहली बार था जब आर्मी डे के मौके पर किसी महिला ने पुरुष कंटीजेंट को लीड किया हो.


देश के 71वें गणतंत्र दिवस पर सैन्य परेड की कमान संभालने जा रहीं तानिया शेरगिल पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली हैं. दरअसल तान्या शेरगिल के नाम की चर्चा इसलिए ज्यादा हो रही है क्योंकि वो चौथी पीढ़ी की सैन्य अफसर हैं. तान्या शेरगिल सेना में जाने का पूरा श्रेय अपने पिता को देती हैं.सेना के इतिहास में ये शायद पहला मौका है जब एक ही परिवार से लगातार चार पीढ़ी ने सेना में अपनी सेवाएं दी हैं.


तान्या खुद थलसेना में सिग्नल कोर में अधिकारी हैं. तानिया के पिता, दादा और परदादा आर्मी में रह चुके हैं. उनके परदादा सिख रेजिमेंट में इन्फेंट्री सर्विस में सेवा दे चुके हैं. दादा 14वीं आर्म्ड सर्विस में थे.पिता ने 101 आर्टिलरी सर्विस में अपनी सेवाएं दी हैं.


सेना की वर्दी पहनना तान्या के लिए उनका सबसे बड़ा सपना था. सपने को हकीकत में बदलने के लिए सबसे पहले तान्या ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री पूरी की और 2017 में चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से सेना में शामिल हुईं.


तान्या देश की हर उस महिला के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं जो सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का सपना देखती हैं.


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