नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद दिल्ली के भाटी माइंस इलाके के पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कैम्प में जश्न मनाया गया. लोगों ने ढोल बजाकर और वंदे मातरम के जयकारे लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद दिया. कई सालों से भारत मे शरणार्थी का जीवन जी रहे लोगों ने कहा कि उन्हें दूसरा जन्म मिला है. पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था. जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता था और बच्चों को भेदभाव का शिकार होना पड़ता था. यही वजह है कि ये लोग वहां से घरबार छोड़कर भारत चले आये. इन लोगों का कहना है कि अब इन्हें अपने मुल्क की पहचान भी मिल जायेगी.


आखिर क्यों पाकिस्तानी मोहल्ला बन गया राम कृपाल मोहल्ला


भाटी माइंस इलाके में शरणार्थी पाकिस्तानी हिन्दू जिस मोहल्ले में रहते हैं उस मोहल्ले को पाकिस्तानी मोहल्ला के नाम से जाना जाता है. यहां रहने वाले सभी परिवार पाकिस्तान से आये हैं इसलिए आसपास के लोगों ने इसे पाकिस्तानी मोहल्ला के नाम से बुलाना शुरू कर दिया. लेकिन संसद में जिस दिन नागरिकता संशोधन बिल पास हुआ उस दिन से यहां के लोगों ने अपने मोहल्ले के नाम राम कृपाल मोहल्ला रख दिया है.


रामकृपाल मोहल्ला नाम रखने के पीछे एक कहानी है. दरअसल, यहां के लोगों ने बताया कि मोहल्ले में राम कृपाल नाम के एक व्यक्ति रहा करते थे, जिनकी समाधि भी इसी इलाके में बनाई गई है. यहां के रहने वाले रामदयाल ने बताया कि राम कृपाल राम भक्त थे. इलाके के लोग उनके पास आकर भजन कीर्तन करते थे और उनको बहुत मानते थे. राम कृपाल रामलीला में राम का किरदार भी निभाते थे. उन्होंने अपने देहांत के बाद यहीं समाधि बनाने की इच्छा जताई थी. जिस जगह वो रहते थे वहीं उनकी समाधि बना दी गई. यहां रहने वाले ही समाधि की साफ सफाई करते हैं. लोगों का कहना है कि राम कृपाल में यहां के लोगों की आस्था को देखते हुए और नागरिकता कानून बनने के बाद पाकिस्तानी मोहल्ला न कहलाने के लिए इन लोगों ने मोहल्ले का नाम राम कृपाल मोहल्ला रख दिया.


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