Farmers Protest: किसान 'दिल्ली चलो मार्च' को लेकर हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर लगातार तीसरे दिन यानी गुरुवार (15 जनवरी) को भी डटे हुए हैं. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबल आंसू गैस के गोले दाग रही है. वहीं इससे बचने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों ने कई तरकीब का सहारा लिया है.  


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हरियाणा और पंजाब की शंभू सीमा पर पुलिस के आंसू गैस के गोले दागने के लिए तैनात किये गये ड्रोन का मुकाबला करने के लिए बुधवार (14 फरवरी, 2024) को किसानों ने पतंग का सहारा लिया.


युवा किसानों में से एक ने कहा, ‘‘ हम ड्रोन को गिराने के लिए पतंग उड़ा रहे हैं.’’ वहीं डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आंदोलन कर रहे हैं किसान मुल्तानी मिट्टी और वेट जूट बैग का भी प्रयोग कर रहे हैं. 


दरअसल, किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, किसानों इसको लेकर केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए तीन दिन से दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनरों की दीवार लगाई गई है. 


लगातार मीटिंग जारी 
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की किसान नेताओं से गुरुवार (15 फरवरी) को बैठक होनी है. इससे पहले आठ और 12 फरवरी को हुई पहले दो चरण की वार्ता असफल रही थी. 


ट्रेनों को दूसरे मार्गों से भेजा गया
पुलिस की कार्रवाई को लेकर पंजाब में कई स्थानों पर किसानों के पटरियों पर बैठने के बाद गुरुवार को दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कुछ ट्रेनों को दूसरे मार्गों से भेजा गया. किसानों ने कई टोल प्लाजा पर धरना भी दिया और अधिकारियों पर यात्रियों से पथकर नहीं लेने के लिए दबाव बनाया. 


इनपुट भाषा से भी. 


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