Delhi Chalo March: किसानो ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार (13 फरवरी) को ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा की है. ये ऐलान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सहित 200 से अधिक किसान यूनियनों ने किया है.
दिल्ली चलो मार्च को लेकर यूपी, हरियाणा और पंजाब सहित अन्य जगहों के किसान राजधानी आने को लेकर निकल चुके हैं. वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि केंद्र ने उनकी मांगों पर चर्चा के लिए सोमवार (12 फरवरी) को मीटिंग के लिए बुलाया है.
उन्होंने बताया कि तीन केंद्रीय मंत्री- पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करेगा. आईए जानें कि आखिर किसानों की मांग क्या है?
किसानों की क्या मांग है?
1. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानो संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग की है.
2. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक किसान प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की माग कर रहे हैं.
3. साथ ही किसान कृषि ऋण माफ करने और पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
4. इसके अलावा किसान लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली में हुई धारा 144 लागू
दिल्ली पुलिस ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है. यह आदेश एक माह तक लागू रहेगा. दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के सोमवार को जारी आदेश में किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने और सड़कों एवं मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी है.
दिल्ली पुलिस के आदेश के तहत ट्रैक्टर रैलियों के राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसी संभावना है कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान ‘मार्च’ के दौरान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे.
इनपुट भाषा से भी.
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