(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली में CM अरविंद केजरीवाल ने किसानों के साथ की बैठक, 28 फरवरी की महापंचायत को लेकर हुई चर्चा
बैठक के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों पर विस्तार से चर्चा हुई. ये तीनों कानून किसानों के लिए एक तरह का डेथ वारंट है. अगर ये कानून बने रहे तो चंद पूंजीपतियों के हाथों में किसानों की किसानी चली जाएगी.
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आये किसान नेताओं के साथ मुलाकात की. बैठक में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए. किसान नेता कुलदीप त्यागी, पूरण सिंह और उत्तर प्रदेश की कई खाप पंचायतों के चौधरी भी शामिल हुए.
तीनों कानून किसानों के लिये डेथ वारंट जैसे- केजरीवाल
बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में किसानों के साथ इन तीनो कानूनों पर चर्चा करने आये थे. तीनों कानूनों पर विस्तार से चर्चा हुई. बीजेपी और केंद्र सरकार बार-बार यह कह रही है कि इन कानूनों से किसानों को फायदा है लेकिन अभी तक एक भी फायदा जनता को बताने में नाकाम रहे हैं. यह तीनों कानून एक तरह से किसानों के लिए डेथ वारंट है अगर यह तीनों कानून बने रहते हैं तो देश के किसानों के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो जाएगी. किसानों की किसानी कुछ चंद पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी और हमारे देश का किसान अपने ही खेत में मजदूर बनने के लिए मजबूर हो जाएगा. केंद्र सरकार से मांग है कि यह कानून वापस लिए जाएं और सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दी जाए और एमएसपी स्वामीनाथन रिपोर्ट के हिसाब से लागू की जाए.
28 फरवरी को मेरठ में होगी किसान महापंचायत
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 28 फरवरी को मेरठ में बहुत बड़ी किसान महापंचायत है और उस में भारी संख्या में किसान मौजूद होंगे. किसान महापंचायत के अंदर भी तीनों कानूनों के ऊपर चर्चा की जाएगी और इनको वापस लेने के लिए केंद्र सरकार से अपील की जाएगी. यह बहुत दुख की बात है कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बैठकें बंद कर दी हैं, क्योंकि समाधान तो बातचीत से ही निकलेगा. केंद्र सरकार को बातचीत करनी चाहिए हमारे देश के किसानों की अगर सरकार नहीं सुनेगी तो फिर किसकी सुनेगी.
यूपी चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई- संजय सिंह
बैठक में शामिल आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि 90 दिन का किसान आंदोलन हो गया है, लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर बनी हुई है. किसान अंतिम दम तक आंदोलन करेगा और अरविंद केजरीवाल ने भरोसा दिलाया है कि पूरी तरह से हमारी पार्टी और कार्यकर्ता किसानों का साथ देंगे. हम बहुत पहले से ही इस बिल के खिलाफ हैं. किसान आंदोलन के विरोध में सभी को सड़क पर आना चाहिए और उसी जिम्मेदारी का हम निर्वहन कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जो खाप चौधरी हैं आज उन लोगों को आमंत्रित किया गया था और सब लोग आए हैं. आज बैठक में उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
करीब 40 खाप के किसान नेता हुए बैठक में शामिल- कैलाश गहलोत
दिल्ली सरकार के मंत्री और नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत ने कहा कि बैठक में किसानों ने जो पिछले 3 महीने से लड़ाई लड़ी है उस पर चर्चा हुई. 28 तारीख को जो महापंचायत मेरठ में है उस पर भी बात की गई. किसानों की हम पहले दिन से मदद कर रहे हैं चाहे वह सिंघु बॉर्डर पर इंतजाम करना हो या अन्य बॉर्डर पर इंतजाम करना हो, किसानों के साथ हम हर प्रकार से खड़े हैं. पिछले 3 महीने से किसान अलग-अलग बॉर्डर पर बैठे हैं और वहां पर बिजली, पानी, वाईफाई की व्यवस्था हम कर रहे हैं. करीब 40 खाप के नेता यहां पर मौजूद थे. इस बार किसानों का यह बिल्कुल साफ संदेश है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसान चुप नहीं बैठेंगे.
बैठक में मौजूद राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ ने कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कीलें लगा दीं. आज अरविंद केजरीवाल ने बहुत आतिथ्य दिया है, जैसा सुदामा को श्रीकृष्ण ने दिया था. हमारी यही मांग है कि एमएसपी पर कानून बने, स्वामीनाथन रिपोर्ट पूर्ण रुप से लागू हो और कृषि कानून वापस हो. जब तक यह नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रखेंगे. हम पंचायत और गांवों में जाकर अपने आंदोलन की आवाज को बुलंद करने की मांग करेंगे.
मुजफ्फरनगर से आये किसान नेता राव सिराजुद्दीन चौहान ने कहा कि किसान 3 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं और उनके साथ केंद्र सरकार जो बर्ताव कर रही है ऐसा लग रहा है जैसे कि हम चीन और पाकिस्तान से आए हुए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज हमको यहां बुलाया और हम से ऐसे बात कि जैसे कि हमारे परिवार के सदस्य हो. 28 फरवरी को किसान महापंचायत होगी मेरठ में हम सब ने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम पूरे धन-बल के साथ पंचायत में जाएंगे. हमें एक उम्मीद दिखाई दी है कि इस महापंचायत से किसानों की समस्या का निवारण होगा. अरविंद केजरीवाल ने हमें सलाह दी है कि अराजनैतिक से राजनीतिक हो जाओ. जब तक किसान राजनीति में शामिल नहीं होंगे समाधान नहीं निकलेगा. बागपत से आये खाप नेता सुरजीत सिंह ढाका ने कहा कि सिर्फ एक आम आदमी पार्टी है जिसने पहले दिन से हर जगह इन कानूनों का विरोध किया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक सभा होनी है उसके लिए भी हम तैयारी कर रहे हैं.
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