ब्लैक फंगस के देशभर से आ रहे नए मामलों ने चिंता बढ़ाकर रख दी है. राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या में भारी इजाफे को देखते हुए जहां एक तरफ राज्य सरकारें सतर्क हो गई तो वहीं दूसरी तरफ केन्द्र ने महामारी घोषित करने की अपील की है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी ब्लैक फंगस के मामलों के देखते हुए केजरीवाल सरकार भी एक्शन में आ गई है.


केजरीवाल बोले- ब्लैक फंगस को घोषित कर सकते हैं महामारी


दिल्ली के मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि कुछ राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है क्या दिल्ली में भी इसे महामारी घोषित करने की स्तिथि अभी है. इस पर जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर की जरूरत पड़ेगी तो हम जरूर करेंगे. जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी हम वह सारे कदम उठाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि हम अब दिल्ली में अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के बारे में सोच रहे हैं. दिल्ली के अंदर अब 1-2 दिन की वैक्सीन बची है. 


ब्लैक फंगस को लेकर एक्सपर्ट की चेतावनी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों को सुझाव दिए हैं. केजरीवाल ने अपील करते हुए कहा- मैं सभी अस्पतालों और डॉक्टरों से यह अपील करना चाहता हूं कि वे नियंत्रित मात्रा में स्टेरॉयड का इस्तेमाल करें. मरीजों को सुगर नियंत्रित करने की जरूरत है. स्टेरॉयड और सुगर की मिलावर से ही ब्लैक फंगस होता है. हमें दिल्ली के तीन सरकारी अस्पतालों में विशेष इंतजाम किया है.


ब्लैक फंगस मरीजों के लिए बनी डॉक्टरों की टीम


दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि केन्द्र की तरफ से पर्याप्त संख्या में इजेक्शन (ब्लैक फंगस के लिए) दिए जाएंगे. स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल के अनुसार हमने एक डॉक्टरों की टीम बनाई है जो प्रभावित मरीजों को इंजेक्शन देंगे. मंगलवार को इंजेक्शन के लिए उस टीम के पास दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों से 84 आवेदन प्राप्त हुए हैं.    


केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए एक interdisciplinary डॉक्टर्स की टीम बनाने की ज़रूरत है. यह सामने आया है कि इसके इलाज के लिए कई डिसिप्लिन के 10 की टीम बनाने की जरूरत है जो कि मरीज का ख्याल रखें. हमने 3 सरकारी अस्पतालों में GTB एलएनजेपी और राजीव गांधी अस्पताल में खास इंतजाम किए हैं. ऐसे मरीजों का इलाज करने के लिए.


इसके इंजेक्शंस की बहुत ज्यादा कमी है जिसके लिए हमने केंद्र सरकार को भी लिखा है क्योंकि जो भी प्रोडक्शन है केंद्र सरकार ने उसे टेकओवर कर लिया है और केंद्र सरकार उसे बांट रही है. 


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