Arvind Kejriwal vs LG V.K. Saxena: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर चुनी हुई सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि “सक्सेना हमारे हेडमास्टर नहीं हैं, जो हमारे घर का काम चेक करेंगे. उन्हें हमारे प्रस्तावों पर केवल हां या न कहना है.’’ अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना को विद्यार्थियों के “गृह कार्य” की जांच करने वाले “प्रधानाध्यापक की तरह व्यवहार” नहीं करना चाहिए.


वहीं, उपराज्यपाल की मनमानी के विरोध में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने सोमवार को विधानसभा से एलजी के दफ्तर तक मार्च किया. उन्होंने दावा किया कि स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को सक्सेना ने खारिज कर दिया है, लेकिन एलजी के दफ्तर ने इस आरोप से इनकार किया है.


'दिल्ली तनाशाही बर्दाश्त नहीं करेगी'


केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ‘तानाशाही’ बर्दाश्त नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने बाद में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजकर रहेगी. वहीं, दिल्ली विधानसभा के सत्र की पहले दिन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि ‘आप’ विधायक एलजी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बार-बार अध्यक्ष के आसन के पास आ रहे थे.


सभी विधायक एक साथ कर रहे थे मार्च


मार्च के दौरान केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत ‘आप’ नेता व कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां पकड़े हुए थे, जिन पर लिखा था, ‘एलजी साहब शिक्षकों को फिनलौंड जाने दो’, ‘एलजी साहब शिक्षकों को ट्रेनिंग करने दो.’ साथ में वे सक्सेना के खिलाफ नारेबाज़ी भी कर रहे थे. सभी दिल्ली विधानसभा से एलजी सचिवालय की ओर लगभग तीन किलोमीटर तक पैदल चले, लेकिन पुलिस ने राज निवास से कुछ मीटर की दूरी पर इन्हें रोक दिया.


एलजी ने सीएम और डिप्टी सीएम को ही बुलाया, लेकिन नहीं गए


एलजी के कार्यालय ने केजरीवाल और सिसोदिया को सक्सेना से मिलने के लिए कहा, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि ‘आप’ के सभी विधायकों को भी इसमें शामिल होने की अनुमति दी जाए. इस दौरान केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलजी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों से मिलने से इनकार कर दिया है. हम बहुत छोटे लोग हैं, लेकिन हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. एलजी ने एक तरह से दिल्ली की जनता का अपमान किया है.”


बीजेपी ने फिर अरविंद केजरीवाल को घेरा 


वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल और उनके विधायकों के व्यवहार को ‘अराजक’ बताया. प्रदेश भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “विधानसभा के अंदर और एलजी के कार्यालय के बाहर केजरीवाल और उनके विधायकों का व्यवहार स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वे हद दर्जे के अराजकतावादी हैं और उनमें संवैधानिक पद या विधानसभा जैसी लोकतांत्रिक संस्था के लिए कोई सम्मान नहीं है.”


मामला बढ़ता देख एलजी ने दी सफाई


बाद में एलजी के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है, बल्कि सरकार को इसका समग्र मूल्यांकन करने की सलाह दी गई है. हालांकि, केजरीवाल ने दावा किया कि एलजी ने प्रस्ताव को दो बार खारिज कर दिया और कहा कि सक्सेना को ‘प्रधानाध्यापक’ की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए.


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