Delhi CM Letter To LG: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखा है. इस पत्र में सीएम ने दिल्ली के अंदर आपराधिक घटनाओं में आई अप्रत्याशित वृद्धि पर गंभीर चिंता जताई है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र के माध्यम से एलजी को बताया है कि दिल्ली के अंदर पहली बार इतने बडे स्तर पर अपराध बढ़े हैं. 


सीएम ने एलजी को बताया कि बीते रविवार को दिल्ली के अंदर चार हत्या की घटनाएं हुई हैं. बढ़ती आपराधिक घटनाओं के चलते दिल्ली के लोगों में दहशत का माहौल है और हर व्यक्ति खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने एलजी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था सुधारने करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है.


कानून व्यवस्था के मामले में पंजाब टॉप पर
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था ठीक कर दी है. हमारे पास जो भी क्षेत्र थे, उनमें से ज्यादातर क्षेत्रों को हमने ठीक कर दिए हैं. पंजाब में कानून व्यवस्था हमारे पास पहली बार आई. शुरूआत में पंजाब की कानून व्यवस्था को संभालने में थोड़ी परेशानी हुई, हम लोगों ने अब कानून व्यवस्था को इतना शानदार कर दिया है कि कानून व्यवस्था के मामले में आज पंजाब टॉप के राज्यों में गिना जा रहा है. 


अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि अगर हमें दिल्ली पुलिस दे दी जाए तो हम दिल्ली के अंदर शानदार कानून व्यवस्था करके दिखाएंगे. पहले दिल्ली में थाना स्तर पर कमेटी बनी थी. उस कमेटी का स्थानीय विधायक अध्यक्ष होता था. इस कमेटी में RWA, पार्षद और प्रबुद्ध नागरिक शामिल होते थे. हर महीने इस कमेटी की बैठक होती थी. 2013 में जब AAP की सरकार बनी तभी से थाना लेवल कमेटी को भंग कर दिया गया है. इसे दोबारा पुनर्जीवित करना चाहिए.


'लोगों के अंदर सुरक्षा का विश्वास पैदा हो'
उधर, सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखे अपने पत्र में अनुरोध किया है कि एलजी, दिल्ली की कानून व्यवस्था सुधारने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाएं, ताकि लोगों के अंदर विश्वास पैदा हो सके कि वो सुरक्षित हैं. दिल्ली में आए दिन हो रही गंभीर आपराधिक घटनाओं ने पूरी दिल्ली के लोगों में दहशत पैदा कर दी है. इसलिए अब समय आ गया है कि जिन लोगों को दिल्ली के नागरिकों के जीवन की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे अपने दायित्यों को निभाते हुए कड़े कदम उठाएं.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र में कहा है कि एक जिम्मेदार नागरिक होने और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के प्रतिनिधि के तौर पर मैं दिल्ली के अंदर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने और जनता के हितों की रक्षा करने में आपका पूरा सहयोग देना चाहता हूं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र के जरिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट की तरफ भी एलजी का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने एनसीआरबी का हवाला देते हुए कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल की आंखे खोलने वाली है. 


'दिल्ली में 32.20 प्रतिशत अपराध'
सीएम ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक स्थिति है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के आने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इस रिपोर्ट में ये दिखाया गया है कि देश के 19 महानगरों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले कुल अपराधों में से 32.20 फीसद अपराध अकेले दिल्ली के अंदर हुए हैं. ऐसे चिंताजनक आंकड़े सामने आने के बाद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और एलजी ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जिसके चलते अभी तक जमीन स्तर पर कोई सुधार नहीं दिख रहा है.


सीएम ने पत्र में इस बात पर बल दिया है कि दिल्ली में पुलिसकर्मियों की कमी है. इसलिए दिल्ली के नागरिक अब अपनी सुरक्षा के लिए प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों को काम पर रखने लगे हैं. केजरीवाल ने लिखा कि मजबूरन ये कहना पड़ रहा है कि दिल्ली में अपराधों की रोकथाम के लिए जिस तरह की तत्परता की जरूरत है, उसमें कमी दिखाई दे रही है और जो लोग कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं, वो पूरी तरह से गायब हैं. 


थाना स्तर की समितियां दोबारा पुनर्जीवित करने की मांग
अपने पत्र में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अंदर रात के समय पुलिस गश्त बढ़ाने जैसे तत्काल उपायों की जरूरत पर बल दिया है. साथ ही कानून व्यवस्था में सुधार के लिए दिल्ली के नागरिकों के साथ खुला संवाद करने की बात कही है. साथ ही, सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में दिल्ली कैबिनेट और उपराज्यपाल के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था के गंभीर मसले पर चर्चा कर विचारों का आदान-प्रदान करने का प्रस्ताव रखा है. 


सीएम ने पत्र में यह सुझाव भी दिया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपराधिक घटनाओं में कमी लाने के लिए के प्रभावी रणनीति बनाने के लिए एक संयुक्त बैठक की जा सकती है. इस बैठक में पुलिस अधिकारी, स्थानीय विधायकों, पार्षदों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के लोग शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा, सीएम ने थाना स्तर की समितियों को दोबारा पुनर्जीवित करने की मांग की है. 


ये भी पढ़ें- UCC: 'हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं, लेकिन...', बोले उद्धव ठाकरे